गुजरात में हड़प्पा संस्कृति केंद्र में हुए एक हादसे में IIT Delhi की एक महिला रिसर्च स्कॉलर की मौत हो गई. वहीं, उसके साथ गई प्रोफेसर की हालत नाजुक बताई जा रही है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से जुड़ी दोनों महिलाएं अपने एक प्रोजेक्ट के तहत संस्कृति केंद्र में शोध से जुड़े नमूने इकट्ठा कर रही थीं. ASI की एक टीम को घटनास्थल पर जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
ASI से जुड़ीं महिलाएं हड़प्पा साइट पर गईं, मिट्टी में दबने से एक की मौत, दूसरी की हालत नाजुक
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से जुड़ी दोनों महिलाएं अपने एक प्रोजेक्ट के तहत संस्कृति केंद्र में शोध से जुड़े नमूने इकट्ठा कर रही थीं.
यह हादसा 27 नवंबर को सुबह 11 बजे हुआ, जब IIT दिल्ली और IIT गांधीनगर से जुड़े चार शोधार्थियों की एक टीम पुराजलवायु विज्ञान की स्टडी करने के लिए गुजरात के प्राचीन बंदरगाह शहर लोथल गई थी. पुराजलवायु विज्ञान के तहत अतीत की जलवायु का अध्ययन किया जाता है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मृतक महिला की पहचान 23 साल की सुरभि वर्मा के रूप में हुई है. वहीं हादसे में घायल हुई उनकी 45 साल की प्रोफेसर यमा दीक्षित की हालत नाजुक बताई गई है.
अहमदाबाद ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश जाट ने बताया कि हादसे में कुल 5 लोग शामिल थे. उन्होंने कहा,
“लोथल में टीम सैंपल इकट्ठा करने के लिए एक गड्ढे की खुदाई कर रही थी. उसी वक्त गड्ढा ढह गया जिस कारण मौके पर ही चार में से दो लोग गड्ढे में दब गए. हादसे के बाद पुलिस घटनास्थल पर 15 मिनट में पहुंच गई थी. ड्राइवर समेत कुल 5 लोग इस हादसे के वक्त मौजूद थे.”
लोथल नजदीकी पुलिस थाने कोथ से 20 किलोमीटर और अहमदाबाद से 70 किलोमीटर दूर है.
पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा,
“हम प्रोफेसर यमा दीक्षित को बचाने में कामयाब रहे, हालांकि उनकी स्थिति नाजुक है. उन्हें अहमदाबाद के बागोडरा के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में एडमिट कराया गया. सांस लेने में शिकायत के कारण बाद में उन्हें गांधीनगर के अपोलो हॉस्पिटल में ले जाया गया.”
पुलिस ने मामले में आकस्मिक मौत की (एडी) रिपोर्ट दर्ज की है. सीएचसी बगोदरा में मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया गया और उनके परिवार को मृत्यु के बारे में सूचित किया गया.
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ASI टीम को 24 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहाकोथ पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर पीएन गोहिल ने बताया कि टीम पुरातत्व स्थल के मुख्य संरक्षित क्षेत्र के बाहर सैंपल कलेक्ट कर रही थी. उन्होंने कहा कि चूंकि इलाके की मिट्टी बहुत ढीली थी, इसीलिए जमीन से पानी के बहाव के कारण गड्ढा ढह गया.
यमा दीक्षित आईआईटी-दिल्ली में सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज (CAS) में एसिस्टेंट प्रोफेसर हैं. जबकि सुरभि वर्मा IIT Delhi में पीएचडी कर रही थीं. बाकी दो सदस्य एसोसिएट प्रोफेसर वीएन प्रभाकर और सीनियर रिसर्च फेलो शिखा राय IIT गांधीनगर के पुरातत्व विज्ञान केंद्र से जुड़ी हैं.
वडोदरा सर्किल की ASI यूनिट ने अपनी एक टीम को मामले की जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर, यह सामने आ रहा है कि टीम के पास साइट पर खुदाई करने के लिए अधिकृत एजेंसियों की अनुमति नहीं थी.
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