दिल्ली की गाजीपुर फूल मंडी में मिले विस्फोटक के IED होने की पुष्टि
NSG की टीम और बम डिस्पोजल की टीम मौके पर.
दिल्ली की गाजीपुर फूल मंडी में शुक्रवार, 14 जनवरी को मिले संदिग्ध बैग में बम मिलने की सूचना सही थी. बैग में IED (Improvised Explosive Device) मिलने की बात सामने आई है. उसे एक बड़े गड्ढे में ब्लास्ट कर निष्क्रिय कर दिया गया है. बैग में बम होने की सूचना मिलने के बाद बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड और नेशनल सिक्युरिटी गार्ड मौके पर पहुंचे. छानबीन के बाद इस बैग में बम मिलने की पुष्टि हुई है. इसके बाद मौके पर जेसीबी बुलाकर एक बड़ा गड्ढा खोदा गया था. इसी गड्ढे में IED को ब्लास्ट कराया गया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर एक पीसीआर कॉल मिली. बताया गया कि गाजीपुर इलाके में एक संदिग्ध बैग है जिसमें बम है. सूचना के बाद इलाके की पुलिस और स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुंची थी. इसके बाद NSG की टीम और बम डिस्पोजल की टीम भी पहुंची. जांच पड़ताल में बैग में IED होने की जानकारी मिली. दिल्ली पुलिस का कहना है कि एहतियात के तौर पर सारे SOP को फॉलो करवाया जा रहा है.
इलाके के लोगों को घटना स्थल पर न जाने की हिदायत दी गई है. स्पेशल सेल ने विस्फोटक एक्ट और अन्य धाराओ में FIR दर्ज कर ली है. 15 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और डीवीआर स्पेशल सेल ने कब्ज़े में ले ली है. विस्फोटक के नमूने एनएसजी ने अपने कब्जे में लिए हैं. इनकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी. ये आईडी कैसे असेंबल किया गया, यहां तक कैसे लाया गया, इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं, पूरे रूट मैप की तफ्तीश की जा रही है. 26 जनवरी से पहले धमाके की इस कोशिश से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं. कहा जा रहा है कि बम रखने वाले भीड़ भाड़ वाली जगह को निशाना बनाना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने ग़ाज़ीपुर फूल मंडी को चुना.
बेहद खतरनाक है IED
IED खतरनाक श्रेणी का बम विस्फोटक माना जाता है. ये सेना द्वारा इस्तेमाल होने वाले बमों से अलग होता है. आतंकी भीड़ वाली जगहों पर बड़ा नुकसान पहुंचाने के मकसद से IED का इस्तेमाल करते हैं. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें ऐसे केमिकल मिलाए जाते हैं जो जबर्दस्त धमाके साथ बड़े पैमाने पर आग फैलाने का काम करते हैं. इसमें धुआं भी बड़ी तेजी से निकलता है. IED को इस तरह लगाया जाता है कि पांव पड़ते या किसी वाहन का पहिया चढ़ते ही इसमें ब्लास्ट हो जाता है. IED को सक्रिय करने के लिए रिमोट कंट्रोल, इन्फ्रारेड या मैग्नेटिक ट्रिगर्स, प्रेशर सेंसिटिव बार्स या ट्रिप वायर जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. भारत में आतंकियों और नक्सलियों ने कई बार IED का इस्तेमाल कर बड़े धमाके किए हैं.