युद्धग्रस्त गाजा पट्टी में बीती 15 दिसंबर को अजीबोगरीब घटना हुई. हमास के खिलाफ जंग लड़ रही इजरायली सेना (IDF) ने शिजैया इलाके में इज़रायल के ही तीन बंधकों को गोली मार दी. IDF ने X पर बताया कि हमास से जंग के बीच एक इजरायली सैनिक ने तीनों बंधकों को 'खतरा' समझकर गोलियां चला दीं जिससे तीनों की जान चली गई. इन तीनों बंधकों ने हिब्रू में मदद की गुहार लगाई, सफेद कपड़ा भी लहराया, लेकिन उन्हें गोली मार दी गई.
हमास से जंग में इजरायली सेना ने अपने ही नागरिकों को कैसे मार डाला?
इज़रायल के तीन बंधकों को इज़रायली सेना (IDF) ने गोली मार दी. IDF ने सोशल मीडिया साइट X पर एक बयान जारी कर ये जानकारी दी.
ये भी पढ़ें: "आतंकियों ने सिर काट दिया"- इजरायल गई जर्मन टैटू आर्टिस्ट पर नया ‘खुलासा’
IDF की गलती से मारे गए इजरायली बंधकIDF की गोलियों से मारे गए ये तीनों लोग उन 200 लोगों में शामिल थे जिन्हें हमास ने बंधक बनाकर रखा था. इनकी पहचान एलोन शमरिज़, योतम हैम और समेर तलालका के रूप में की गई है. अमेरिकी चैनल NBC न्यूज़ की एक खबर के मुताबिक, ये अभी साफ़ नहीं है कि तीनों बंधक शिजैया इलाके में कैसे पहुंचे. IDF के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घटना की जानकारी देते हुए कहा कि या तो तीनों खुद ही हमास की पकड़ से भाग निकले या फिर हमास ने उन्हें छोड़ दिया, जिसके बाद वो घटनास्थल तक पहुंचे.
डेनियल ने कहा,
"हर दिन हम लोग हवाई और जमीनी हमले की कार्रवाई के संबंध में स्थिति का आकलन करते हैं. हमारा अनुमान है कि या तो वे बच निकलने (हमास के चंगुल से) में कामयाब रहे या फिर उन्हें छोड़ दिया गया. और परिणामतः दुर्भाग्य से उनकी मौत हो गई."
IDF के एक ऑफिसर ने शनिवार को बताया कि शिजैया इलाके में IDF और हमास के बीच तेज लड़ाई छिड़ी हुई थी. उसी दौरान तीनों बंधक वहां नजर आए. ऑफिसर ने आगे बताया,
“वे तीनों शर्ट नहीं पहने थे, और उनके पास एक छड़ी थी, जिस पर एक सफेद कपड़ा था. इसी दौरान, एक डरे हुए IDF सैनिक ने उन पर गोलियां चला दीं. जिससे दो बंधकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरा घायल हो गया और वापस बिल्डिंग में भाग गया. मदद की आवाज हिब्रू (इज़रायली भाषा) में होने के चलते, एक कमांडर ने फायर रोकने को कहा. लेकिन इसके बाद एक और राउंड की गोलीबारी में तीसरा बंधक भी मारा गया. ये साफ नहीं है कि तीसरा बंधक, दूसरे राउंड की गोलीबारी में मारा गया या पहले राउंड की गोलियों में घायल हो जाने के चलते ही उसकी जान गई.”
ऑफिसर ने ये भी कहा,
"ये हमारी कार्रवाई के नियमों के खिलाफ था. मैं दोहराता हूं, ये हमारी कार्रवाई के नियमों के खिलाफ था."
चैनल के मुताबिक, हगारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सवाल को नजरअंदाज किया कि क्या IDF के सैनिकों ने गोली चलाने से पहले तीनों बंधकों की पहचान करने की कोशिश की थी, और क्या बंधक गोली चलने से पहले अपने हाथ ऊपर उठाकर (आत्मसमर्पण की मुद्रा में) हिब्रू में चिल्लाए थे.
हगारी ने सफाई में कहा कि सैनिकों को मारे गए तीनों लोगों की पहचान पर संदेह था. बाद में उनके शवों को जांच के लिए इज़रायली इलाके में बने कैंप में भेजा गया. वहां ये पुष्टि हुई कि वे तीनों इज़रायली बंधक थे. इसके बाद IDF और इज़रायली पुलिस ने मृतकों के परिवारों को सूचना दी.
हगारी के मुताबिक़, IDF ने घटना की जांच शुरू कर दी है. इस घटना से सबक सीखा गया है. IDF के सभी सैनिकों से आगे सचेत रहने को कहा गया है.
वीडियो: दुनियादारी: क्या गाज़ा पर इज़रायल का कब्ज़ा हो जाएगा? अमेरिका साथ छोड़ रहा?