महाराष्ट्र की प्रोबेशनरी IAS अफ़सर पूजा खेडकर (IAS Puja Khedkar) फिर चर्चा में हैं. बीते दिनों सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप में उनका तबादला कर दिया गया था. अब पुणे ज़िला कलेक्टर के साथ उनकी ‘वॉट्सऐप चैट’ सामने आई है. इस कथित चैट में उन्होंने अपने लिए एक अलग ऑफ़िस, एक कार और एक घर की मांग की थी. ये मांगें उन्होंने पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालने के पहले की थीं. इसके अलावा IAS अफ़सर के पिता दिलीप खेडकर की संपत्ति के बारे में भी कई खुलासे हुए हैं.
110 एकड़ जमीन, दुकानें, फ्लैट्स, गाड़ियां... IAS पूजा खेडकर मामले के इन खुलासों ने हंगामा मचा दिया है!
Probationary IAS officer Puja Khedkar की Pune के कलेक्टर से WhatsApp chat चैट की जानकारी सामने आई है. इसके अलावा उनके माता-पिता के संपत्ति के बारे में भी कई जानकारियां पता चली हैं.
कलेक्टर ने इन ‘असामान्य मांगों’ की जानकारी मुख्य सचिव को दी थी. अपनी रिपोर्ट में कलेक्टर ने सुझाव दिया कि पुणे में खेडकर की ट्रेनिंग जारी रखना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा था कि इससे आगे प्रशासनिक मुश्किलें सामने आएंगी. इंडिया टुडे से जुड़े ओमकार वाबले की रिपोर्ट के मुताबिक़, कलेक्टर की रिपोर्ट में बताया गया कि पूजा को अपना ख़ुद का चैंबर ऑफ़र किया गया था. हालांकि, अटैच्ड बाथरूम ना होने से उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया.
ओमकार वागले अपनी रिपोर्ट में बताते हैं कि IAS अफ़सर पूजा के माता-पिता के पास नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट है. जबकि उनके पास कृषि भूमि सीलिंग अधिनियम का उल्लंघन करते हुए 110 एकड़ कृषि भूमि, 6 दुकानें (ये 1.6 लाख वर्ग फीट में बनी हैं), 7 फ्लैट ( इनमें से एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख रुपये की सोने की घड़ी, 4 कारें, दो प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में भागीदारी शामिल है. साथ ही, पूजा के पास ख़ुद 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
इसके अलावा, जानकारी आई कि जॉइन करने से पहले पूजा अपने पिता दिलीप खेडकर के साथ ऑफ़िस गई थीं. उन्होंने खनन विभाग के बगल में मौजूद VIP हॉल को अपने केबिन के रूप में इस्तेमाल करने की मांग की थी. इस पर उन्हें बताया गया कि ट्रेनिंग के दौरान वो इन सुविधाओं की हकदार नहीं है. उन्हें रहने के लिए जगह उपलब्ध करा दी जाएगी.
बता दें, ज़िला कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद पूजा खेडकर को ट्रेनिंग पूरा करने के लिए वाशिम ज़िले में ट्रांसफर कर दिया गया है. वो 30 जुलाई 2025 तक वहां 'सुपरन्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर' के तौर पर काम करेंगी.
फर्जी सर्टिफिकेट देकर बनीं IASबीते दिनों उनकी नियुक्ति को लेकर भी विवाद हुआ था. इसके बाद उनकी नियुक्ति से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई. जांच में पता चला कि उन्होंने सिविल सेवा एग्जाम पास करने के लिए कथित रूप से फर्जी विकलांगता और OBC सर्टिफिकेट पेश किए थे. खेडकर ने OBC और दृष्टिबाधित (visually impaired) श्रेणियों के तहत सिविल सेवा का एग्जाम दिया था. उन्होंने मानसिक बीमारी का सर्टिफिकेट भी जमा किया था.
इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, अप्रैल, 2022 में उन्हें अपनी विकलांगता की पुष्टि के लिए AIIMS में मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा गया था. हालांकि, एक अफ़सर ने बताया कि खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर इन टेस्ट में शामिल होने से मना कर दिया. बाद में, उन्होंने एक प्राइवेट अस्पताल से मिली MRI स्कैनिंग सर्टिफिकेट पेश किए. इसी आधार पर उनकी IAS नियुक्ति को स्वीकार किया गया था.
जानकारी के अनुसार, खेडकर के OBC नॉन-क्रीमी लेयर दर्जे के दावों में भी विसंगतियां पाई गईं. 2024 लोकसभा चुनाव में पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. तब चुनावी हलफनामे में उनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई थी. इससे उनकी OBC नॉन-क्रीमी लेयर की योग्यता पर भी सवाल उठे.
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पूजा खेडकर कौन हैं?ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था. एग्जाम में उनकी ऑल इंडिया रैंक 821 आई. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में उन्होंने खुद को दिव्यांग बताते हुए याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने तर्क दिया कि दिव्यांग उम्मीदवारों को SC/ST उम्मीदवारों की तुलना में ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन्हें भी बराबर लाभ दिया जाना चाहिए.
वीडियो: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के बारे में अब क्या पता चला?