1994 में IAS अफसर जी कृष्णय्या की हत्या हुई थी. मामले में दोषी पाए गए गैंगस्टर और राजनेता आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया है. अब IAS अफसर की पत्नी उमा देवी ने फैसले पर दुख जताया है (IAS Krishnaiah Wife). उन्होंने नीतीश सरकार पर सवाल उठाते हुए इस फैसले को गलत और अन्याय करार दिया (Anand Mohan Release). उमा देवी ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मामले में दखल देने की अपील की है.
"आनंद मोहन की रिहाई अन्याय, नीतीश सरकार को.."- मारे गए IAS की पत्नी ने PM से क्या मांगा?
"उस समय मेरी बेटियां 7 और 5 साल की थीं, हम डरे हुए थे."

आजतक से बात करते हुए उमा देवी ने 25 अप्रैल को कहा,
एक ईमानदार अधिकारी की हत्या करने वाले को रिहा कर दिया गया है. इससे पता चलता है कि राज्य में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है. ये "अन्याय" है. बिहार सरकार ने गलत फैसला किया है. उसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए बल्कि फांसी की सजा देनी चाहिए.
उमा देवी ने राजपूत और अन्य समुदायों से आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करने का भी आग्रह किया. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उमा देवी ने कहा,
नीतीश कुमार हत्या के दोषी को रिहा करके गलत मिसाल कायम कर रहे हैं. ये कदम अपराधियों को सरकारी अधिकारियों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित करेगा क्योंकि उन्हें पता है कि वो आसानी से जेल से बाहर निकल सकते हैं. चंद राजपूत वोटों के लिए ये फैसला लिया गया है. नीतीश कुमार कुछ सीटें जीतकर सरकार बना सकते हैं लेकिन क्या लोग ऐसे नेताओं और ऐसी सरकार पर विश्वास करेंगे?
उन्होंने आगे कहा,
1994 में मेरे पति की मौत हुई. उस समय मेरी बेटियां 7 और 5 साल की थीं. हम सदमे में थे और डरे हुए थे. मेरे पति एक IAS अधिकारी थे और ये सुनिश्चित करना केंद्र की जिम्मेदारी है कि न्याय हो.
आज उमा देवी की बड़ी बेटी निहारिका एक बैंक मैनेजर है और छोटी बेटी पद्मा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर.
जी कृष्णैया कौन थे?1985 बैच के IAS अधिकारी जी कृष्णैया तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे. वो एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुक रखते थे. कहा जाता था कि वो अपने समय के सबसे ईमानदार अफसर थे. 1994 में वो गोपालगंज के जिलाधिकारी थे. उसी साल उनकी हत्या हुई.
आनंद मोहन को उस भीड़ का नेतृत्व करने का दोषी ठहराया गया था, जिसने कृष्णैया को पीट-पीट कर मार डाला.
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