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सस्पेंड हुए तो दे दिया इस्तीफा, अब क्या करने वालें हैं IAS अभिषेक सिंह?

सस्पेंडेड IAS अभिषेक सिंह ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. अभिषेक सिंह ने गुजरात विधानसभा में ऑब्जर्वर की ड्यूटी के दौरान कार के आगे फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड की थीं. इसपर योगी सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था.

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यूपी सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए IAS अभिषेक सिंह को सस्पेंड कर दिया था. (फोटो: सोशल मीडिया)

सस्पेंडेड IAS अभिषेक सिंह (IAS Abhishek Singh) ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. अभिषेक सिंह ने गुजरात विधानसभा में ऑब्जर्वर की ड्यूटी के दौरान कार के आगे फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड की थीं. इसपर योगी सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था. अभिषेक सिंह फरवरी 2023 से निलंबित चल रहे थे. 

अभिषेक सिंह की सोशल मीडिया पर जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. इंस्टाग्राम पर 30 लाख से ज़्यादा फॉलोवर्स वाले अभिषेक सिंह आखिर हैं कौन? उनकी कहानी क्या है? उन्हें इस्तीफा क्यों देना पड़ा है? सबकुछ विस्तार से जानते हैं.

2011 में बने IAS

अभिषेक सिंह. 2011 में UPSC क्लीयर कर IAS बने. और अफसर बनने की ये कहानी भी एकदम फिल्मी है. शादी में ज़रूर आना में सत्तू की तरह ही अभिषेक को प्यार में धोखा मिला, ऐसा उनका कहना है. वो इतना टूट गए थे कि आत्महत्या तक के ख्याल आते. लेकिन बाद में जैसे-तैसे खुद को संभाला. फिर UPSC की तैयारी में जुट गए. तैयारी ऐसी कि एग्जाम क्लियर करके सीधे IAS बन गए. लेकिन उनका एक शौक और था, जिसे उन्होंने आज तक बरकार रखा. म्यूजिक और ऐक्टिंग.

उन्होंने B Prak के साथ 'दिल तोड़ के' गाने में काम किया जो 2020 में रिलीज हुआ था. फिर जुबिन नौटियाल के म्यूजिक एलबम ‘तुझे भूलना तो चाहा’ में भी काम किया. इसके अलावा Netflix पर रिलीज हुई वेबसीरीज 'दिल्ली क्राइम' के सीजन 2 में भी वो अहम रोल में नज़र आए. अभिषेक एक शॉर्ट फिल्म 'चार पंद्रह' में भी नजर आए. जबकि इसी साल मार्च में उन्होंने गीतकार जानी के लिखे और हार्डी संधू के गाए गाने 'याद आती है' में अपनी अदाकारी दिखाई.  

तैयारी के दौरान उनकी मुलाकात 2009 बैच की IAS दुर्गा शक्ति नागपाल से हुई. एक्जाम क्लीयर करने के एक साल बाद अभिषेक ने उनसे शादी कर ली. दुर्गा शक्ति नागपाल भी अभिषेक की तरह ही एक चर्चित IAS अफसर हैं. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान उन्हें एक मामले को लेकर सस्पेंड किया गया था.

ड्यूटी और फोटो की कहानी

खैर, वापस लौटते हैं अभिषेक की स्टोरी पर. IAS बनने के बाद अभिषेक की जॉइनिंग उत्तर प्रदेश कैडर में हुई. फिर 2015 में उन्हें 3 साल के दिल्ली कैडर भेजा गया. 2018 में प्रतिनियुक्ति 2 साल के लिए और बढ़ा दी गई. इस दौरान उन्होंने 2 साल के लिए मेडिकल लीव ले ली. फिर 19 मार्च 2020 को दिल्ली सरकार ने उन्हें वापस यूपी कैडर ही भेज दिया. लंबे वक्त तक अभिषेक ने यूपी में जॉइनिंग ही नहीं की.

30 जून 2022 को जाकर उन्होंने उत्तर प्रदेश में जॉइनिंग ली. इसके बाद गुजरात चुनाव विधानसभा चुनाव के लिए यूपी सरकार ने प्रेक्षकों की लिस्ट भेजी, जिसमें अभिषेक का नाम भी शामिल था. अभिषेक ड्यूटी पर गए और इलेक्शन कमीशन की कार के साथ फिल्मी हीरो की तरह पोज़ करते हुए फोटो डाल दी. कैप्शन में लिख डाला कि अहमदाबाद में ड्यूटी लगी है. फोटो वायरल हो गई. इसके बाद उन्हें प्रेक्षक के पद से हटा दिया गया. आयोग ने कहा कि प्रेक्षक का काम जिम्मेदारी वाला है, कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं.  

इसके बाद से ही वो बिना छुट्टी लिए गायब हो गए. यूपी सरकार ने 7 फरवरी को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सस्पेंड कर दिया. इस बारे में इंडिया टुडे ने अभिषेक से उनका पक्ष पूछा तो जवाब आया कि वो CM योगी से मुलाकात के बाद इस बारे में बात करेंगे. खैर, अब उनके इस्तीफे के बाद अटकलों का बाजार गर्म है कि शायद वो राजनीति का रुख कर नई पारी की शुरुआत करें.