तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शुक्रवार को एक सीवर के मैनहोल की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. पुलिस ने आजतक को बताया कि शहर के कुलसुमपुरा में 40 वर्षीय एक कर्मचारी मैनहोल में बेहोश हो गया. उसे बचाने के लिए दो और लोग मैनहोल में उतरे. मैनहोल में जहरीली गैस से दम घुटने के कारण ये लोग भी बेहोश हो गए.
मैनहोल की सफाई करने उतरे तीन मजदूर, बाहर ही नहीं निकले, जहरीली गैस से मौत
भारत में पांच सालों में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कम से कम 347 लोगों की मौत हुई है. जिनमें से 40 प्रतिशत मौतें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में हुईं हैं.
पुलिस के मुताबिक, तीन मजदूरों में से एक को बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) के आपदा प्रतिक्रिया बल (DRF) के कर्मियों की मदद से दो अन्य श्रमिकों हनुमंत और वेंकटेश्वर राव को भी कुछ समय बाद मैनहोल से निकाल लिया गया. उसके बाद उन दोनों को उस्मानिया जनरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया. अधिकारियों के मुताबिक मृतकों को दिहाड़ी (दैनिक वेतन) पर काम पर रखा गया था.
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सितंबर 2023 में दिल्ली में केबल चोरी करने के इरादे से एक मैनहोल में उतरे दो लोगों की दम घुटने से मौत हो गई थी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक मथुरा रोड पर मैनहोल में एक शख्स बेहोश पड़ा था. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने जब खोजबीन की तो पता लगा कि मैनहोल में दो लोग थे. और दोनों की मौत हो चुकी थी. हालांकि, पुलिस को उनके शरीर पर किसी भी तरह के चोट के कोई निशान नहीं मिले.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2022 में लोकसभा में पेश सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पांच सालों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कम से कम 347 लोगों की मौत हुई है. जिनमें से 40 प्रतिशत मौतें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में हुईं हैं.
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