मंगलवार 30 जनवरी को दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों की लिस्ट जारी की गई. इस लिस्ट को 'करप्शन प्रेसिपिटेशन इंडेक्स' कहते हैं. ग्लोबल करप्शन इंडेक्स की 180 देशों की लिस्ट में भारत 93वें स्थान पर है. सबसे कम भ्रष्टाचार के साथ टॉप पर है डेनमार्क. लगातार छठवीं बार डेनमार्क ने इस लिस्ट में टॉप किया है. वहीं 11 प्वाइंट के साथ लिस्ट में सबसे नीचे है सोमालिया.
सबसे भ्रष्ट देशों की सूची में भारत का नंबर देख लिया, लेकिन ये रैंकिंग तय कैसे होती है?
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल नाम की संस्था इस लिस्ट को जारी करती है. लगातार छठवीं बार डेनमार्क ने इस लिस्ट में टॉप किया है. वहीं 11 प्वाइंट के साथ लिस्ट में सबसे नीचे है सोमालिया. लेकिन ये रैंकिंग की कैसे जाती है?
ये रैंकिंग की कैसे जाती है?
‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ नाम की संस्था इस लिस्ट को जारी करती है. इसकी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक लिस्ट तैयार करने के लिए वो अलग-अलग देशों से डाटा जमा करते हैं. इसके लिए वो बिजनेस से जुड़े लोगों और पब्लिक सेक्टर में मौजूद करप्शन की जांच करने वाले एक्सपर्ट्स से आंकड़े जमा करते हैं.
हर सोर्स के लिए कुछ पैमाने तय किए गए हैं.
1- पब्लिक सेक्टर में हो रहे भ्रष्टाचार की धारणाओं को मापता हो.
2- डाटा किसी विश्वसनीय और मान्य तरीके से जमा किया गया हो.
3- डाटा किसी विश्वसनीय संस्था द्वारा जमा किया गया हो.
4- अलग-अलग देशों के स्कोर या डाटा के बीच अंतर करने लायक हो.
5- डाटा में कई सारे देशों की रेटिंग हो.
6- रेटिंग किसी उद्योग से जुड़े शख्स या किसी एक्सपर्ट द्वारा दी गई हो.
7- संस्था हर दो साल में कम से कम एक बार आकलन करती हो.
इस लिस्ट के लिए उन्होंने 12 संस्थाओं से 13 अलग-अलग तरह के डाटा का इस्तेमाल किया है.
1- अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक कंट्री पॉलिसी एंड इंस्टीट्यूशनल असेसमेंट 2021
2- बर्टल्समैन स्टिफटंग सस्टेनेबल गवर्नेंस इंडिकेटर 2022.
3- बर्टल्समैन स्टिफटंग ट्रांसफार्मेशन इंडेक्स 2024.
4- इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंश यूनिट कंट्री रिस्क सर्विस 2023.
5- फ्रीडम हाउस नेशन इन ट्रांसिट 2023.
6- ग्लोबल इनसाइट कंट्री रिस्क रेटिंग 2022.
7- IMD वर्ल्ड कॉम्पटेटिवनेस सेंटर वर्ल्ड कॉम्पटेटिवनेस ईयरबुक एक्सेक्यूटिव ओपिनियन सर्वे 2023.
8- पॉलिटिक्ल एंड इकोनॉमिक रिस्क कंसलटेंसी एशियन इंटेलिजेंश 2023.
9- दी PRS ग्रुप इंटरनेशनल कंट्री रिस्क गाइड 2023.
10- वर्ल्ड बैंक कंट्री पॉलिसी एंड इंस्टीट्यूशनल असेसमेंट 2022.
11- वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम एक्सिक्यूटिव ओपिनियन सर्वे 2023.
12- वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट रूल ऑफ लॉ इंडेक्स एस्पर्ट सर्वे 2023.
13- वैराइटी ऑफ डेमोक्रेसी 2023.
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डाटा जमा करने के बाद क्या?इन सोर्स से डाटा जमा करने के बाद इन्हें कैलकुलेट किया जाता है. इसके लिए 0-100 के बीच में स्केलिंग की जाती है. ये एक तरह से इनके मार्क्स होते हैं. जिनके जितने ज्यादा मार्क्स वो उतने साफ. जिनके जितने कम वो उतने भ्रष्ट. जिन डाटा का इस्तेमाल इसके लिए किया गया है वो सभी अलग-अलग सोर्स से लिए गए हैं. और सभी डाटा अलग-अलग समय के हैं, तो उन्हें तुलना के योग्य बनाने के लिए गणित लगाया जाता है जिसे स्टैंडर्डाइजेशन कहते हैं.
अगला स्टेप होता है एवरेज कैलकुलेट करना. हर देश से कम से कम तीन अलग डाटा सोर्स जरूरी होते हैं. फिर सारे सोर्सेज से जमा किए गए स्कोर्स का एवरेज निकाला जाता है. और फाइनल स्कोर को पूर्णांक (Whole number) में लिखा जाता है, जो फाइनल स्कोर होता है. फिर इन्हीं स्कोर्स के आधार पर रैंकिंग की जाती है.
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