संदेश भेजने के लिए नहीं बल्कि डेटा स्टोर करने के लिए. बदलते समय के साथ अमेरिका में कई सुपरमार्केट्स खुलीं. बिलिंग काउंटर्स पर लगने वाली लंबी लाइनों से कस्टमर्स बेहद परेशान थे. तब साल 1952 में जोई वुडलैंड नाम के एक अमेरिकी इंजीनियर ने मोर्स कोड की तकनीक का इस्तेमाल करके बार कोड का अविष्कार किया. तो इस वीडियो में जानते हैं - QR कोड की तकनीक कैसे काम करती है?QR कोड और बार कोड में क्या फर्क है? QR कोड का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ और किस-किस तरह से किया जा रहा है? औरQR कोड के इस्तेमाल से किस तरह के रिस्क हैं? पूरी खबर जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.
आसान भाषा में: क्या होता है QR Code जिससे चुटकियों में हो जाता है पेमेंट?
1912 में SOS को रिसीव करने वाले आसपास के कुछ जहाज टाइटैनिक की तरफ बढ़े जिससे उन लोगों को बचा लिया गया जो अन्यथा नहीं बचाए जा सकते थे. डॉट्स डैशेस और स्पेस वाले इन लाइफ सेविंग कोड्स को मोर्स कोड कहा जाता है.