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'राजौरी में हमला करने वालों को छोड़ेंगे नहीं'- टारगेट किलिंग पर बोले अमित शाह

जम्मू में बोले अमित शाह- जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए ऐक्शन प्लान बन गया है

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केंद्रीय मंत्री अमित शाह (फोटो - भाजपा के ट्विटर हैंडल से)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार, 13 जनवरी को जम्मू में प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. 1 और 2 जनवरी को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राजौरी और श्रीनगर में आतंकी हमला हुआ था. अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस में इसी मसले पर बात की. कहा कि पीड़ित परिवारों से फोन पर बात हुई है. उन्होंने उनका मनोबल बढ़ाया है. 

अमित शाह ने मीडिया से कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बैठक हुई है और ख़ास तौर पर जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को पूरी तरह चाक-चौबंद करने के लिए ऐक्शन प्लान बनाया गया है. उनके मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और जम्मू पुलिस मिलकर ये जांच कर रही है कि हमलों के पीछे कौन था. पिछले डेढ़ सालों में कश्मीर में जो भी हमले हुए, उनकी भी जांच की जाएगी. जम्मू-कश्मीर में आने वाले महीनों में सेना की तैनाती बढ़ाई जाएगी. गृह मंत्री ने दावा किया कि सारी एजेंसियां अलर्ट पर हैं. और हमारी सेना किसी भी हमले के लिए तैयार है. 

इस दौरान शाह ने ये बताया,

"मैं जम्मू के नागरिकों को भरोसा दिला रहा हूं कि आतंकी संगठनों की मंशा जो भी हो, लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैद होकर जम्मू की सुरक्षा करेंगी."

अमित शाह शुक्रवार को राजौरी ज़िले में डांगरी के पीड़ित परिवारों से मिलने वाले थे. लेकिन फिर ख़बर आई कि केंद्रीय गृह मंत्री की मुलाक़ात रद्द कर दी गई है. फिर शाह की पीड़ित परिवारों से फोन पर बात हुई. बात करते हुए मृतक के परिजनों ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया.

क्या कर रही हैं जांच एजेंसियां?

साल 2023 की पहली तारीख़ को जम्मू-कश्मीर में तीन जगहों पर आतंकी हमलों की खबर आई थी. रविवार, 1 जनवरी की शाम को आतंकियों ने राजौरी में अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और कुछ लोग घायल हुए. इसके बाद अगला हमला 1 जनवरी की शाम को ही श्रीनगर के जदीबल इलाक़े में हुआ. आतंकियों ने CRPF की 28वीं बटालियन के बंकर पर ग्रेनेड से हमला किया था. फिर सोमवार, 2 दिसबंर की सुबह राजौरी में IED ब्लास्ट भी हुआ, जिसमें तीन लोग घायल हो गए.

दो दिनों में हुए इन तीनों हमलों में कुल सात लोगों की मौत हुई और चौदह घायल हुए. तभी से इन मामलों की जांच चल ही रही है. स्थानीय रिपोर्ट्स में छपा है कि जांच के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ज़िले के 50 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया है.

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