पाकिस्तान की 7 जगहें, जहां हिंदू धर्म की होती है जय
आप उन मंदिरों के बारे में जानते हैं जो हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में हैं?
भारत में बने मंदिरों का डंका दो दुनिया भर में बजता है. पर क्या आप उन मंदिरों के बारे में जानते हैं जो हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हैं? हिंदू आस्थाओं के प्रतिनिधि कई पुराने मंदिर पाकिस्तान में भी हैं. जानिए इनके बारे में: 1. हिंगलाज मंदिर, बलूचिस्तान: विष्णु भगवान ने सती मां के शव को काटने के लिए चक्र फेंका था. उस चक्र से सती मां का सिर कटकर जहां गिरा था, वही ये है जगह. पाकिस्तान के बलूचिस्तान से 120 किलोमीटर दूर हिंगोल नदी के तट पर बना हिंगलाज मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. सदियों पुराने इस मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है. 2. पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची: 1500 साल पुराना हनुमान मंदिर. मान्यता है कि त्रेता युग से यानी करीब 17 लाख साल से पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति यहीं है. मंदिर का पुनर्निमाण साल 1882 में कराया गया था. भीड़ मंदिर में हमेशा हचक कर रहती है. 3. कटसराज मंदिर, चकवाल: भगवान शिव की पत्नी जब सती हुईं तो महादेव की आंख से गिरे दो आंसू. आंसू को मालूम नहीं था कि किसी जमाने में हो जाएगा बंटवारा. तो एक आंसू गिरा भारत के पुष्कर में और दूसरा गिरा सीधा पाकिस्तानी पंजाब के चकवाल जिले में. बताते हैं कि करीब 900 साल पहले चकवाल में कटसराज मंदिर बनाया गया. 4. स्वामिनारायण मंदिर, कराची: शहर के बंदर रोड पर है यह मंदिर. 32,306 स्क्वायर यार्ड में बना है. करीब 160 साल पुराने इस मंदिर में हिंदू-मुस्लिम दोनों की आवाजाही रहती है. बंटवारे के वक्त मंदिर का इस्तेमाल रिफ्यूजी कैंप की तरह हुआ. इसी परिसर में एक गुरुनानक गुरुद्वारा भी है और इसी मंदिर से हिंगलाज मंदिर के लिए यात्रा शुरू होती है.
5. मुल्तान सूर्य मंदिर, मुल्तान: रामायण वाले जामवंत ने अपनी बेटी जामवंती की शादी कृष्ण से करवाई थी. जामवंती कृष्ण के बेटे का नाम था- सांब. उन्ही सांब साहेब ने इस मंदिर को बनाया. वजह थी पिता कृष्ण से मिले कोढ़ी होने के श्राप से मुक्ति. 1500 साल पहले मुल्तान के सूर्य मंदिर में टहलने आए चीन के बौद्ध भिक्षु शुयांग ने इसके ब्योरे लिखे थे. मुहम्मज बिन कासिम और मुहम्मद गजनी समेत कई मुस्लिम क्रूर शासकों ने मंदिर को कई बार लूटा. आज भी मंदिर की हालत खस्ता है. 6. श्री वरुणदेव मंदिर, कराची: पाकिस्तान सिंध के कराची के मनोरा आईलैंड में बना यह मंदिर 100 साल से ज्यादा पुराना है. श्रीवरुणदेव मंदिर का इस्तेमाल अब हिंदू काउंसिल ऑफ पाकिस्तान के कामों के लिए किया जाता है. कहते हैं 16वीं सदी से मंदिर अस्तित्व में था, लेकिन मौजूदा स्ट्रक्चर 1917-18 का बना हुआ है. 7. राम मंदिर, इस्लामकोट: पाकिस्तान का बड़ा राम मंदिर इस्लामकोट में है. भारत में भगवान राम हिंदू बहुसंख्यक आस्था और उस आस्था से पैदा हुई राजनीति के प्रतीक के तौर पर भी देखे जाते हैं. लेकिन पाकिस्तान में बहुत कम राम मंदिर हैं. इस्लामकोट पाकिस्तान की वह जगह है, जहां हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी लगभग एक समान ही है.