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हिमाचल: नेमप्लेट विवाद के बीच खरगे से मिले विक्रमादित्य, कहा- 'सिद्धांतों से समझौता नहीं होगा'

हिमाचल प्रदेश के PWD और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हाल ही में कहा था कि सड़कों पर दुकान लगाने वालों के लिए अपना पहचान पत्र लगाना जरूरी होगा.

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विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकर्जुन खरगे के सामने आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी. (फोटो: फेसबुक)

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग(PWD) और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की. खरगे के साथ विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) की ये मुलाकात हिमाचल नेमप्लेट विवाद के बीच हुई है. इस मुलाकात की जानकारी विक्रमादित्य सिंह ने खुद रविवार, 29 सितंबर को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दी. 

विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,

“आज नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और हिमाचल के संगठन और सरकार के विकास के मसलों पर चर्चा की. हिमाचल और हिमाचलियत के हितों की रक्षा करना हमारा परम दायित्व है, जिस परिप्रेक्ष्य में हमने उनका आशीर्वाद लिया.”

ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विक्रमादित्य सिंह के एक हालिया बयान से विवाद खड़ा हो गया था. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़कों पर दुकान लगाने वालों के लिए दुकानों पर अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य करने की बता कही थी. वहीं हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अपने ही मंत्री के बयान से खुद को अलग कर लिया था. राज्य सरकार ने कहा था कि ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

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इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा,

"मैंने खरगे जी के सामने हिमाचल प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दे उठाए. उन्होंने धैर्य के साथ मेरी बात सुनी. मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के समर्पित सिपाही हैं. कांग्रेस के मूल सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा."

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया, 

“मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने और राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करना और राज्य के विकास की दिशा में काम करना उनकी प्राथमिकता है, जिसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा.”

सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा, विक्रमादित्य सिंह ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पार्टी के मूल सिद्धांतों के अनुसार काम करेगी.

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