हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव प्रचार अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है. 10 नवंबर से इसपर रोक लग जाएगी. उससे पहले सभी पार्टियां ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहती हैं. कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है. हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) ने दावा किया है कि उन्होंने पार्टी के असंतुष्ट लोगों की समस्याओं का समाधान कर दिया है और सभी एक होकर चुनाव लड़ रहे हैं.
हिमाचल कांग्रेस के तीन बड़े नेता आपस में बात नहीं करते? राजीव शुक्ला ने ये बताया
राजीव शुक्ला हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी हैं.

दी लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी को दिए एक इंटरव्यू में शुक्ला ने कहा कि शुरुआत में उन्हें ऐसा लगा था कि पार्टी में एकता बनाना मुश्किल है, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे सबकी समस्याओं का समाधान कर दिया. हिमाचल कांग्रेस के तीन नेताओं- पूर्व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह- के बीच तकरार की खबरें सामने आई थीं. ये भी कहा जा रहा था कि राज्य के ये तीन बड़े कांग्रेसी नेता आपस में बातचीत भी नहीं करते हैं.
इसे लेकर राजीव शुक्ला ने कहा,
‘ये बात सही है कि यहां पार्टी में एकता बनाना एक बड़ी चुनौती थी. ऐसा कभी नहीं हुआ कि हमने मीटिंग बुलाया और कोई आया नहीं. सभी लोग आते हैं. पहले ही दिन मैंने नेताओं से एक बात कही थी कि आप लोग यहां खंडहर बनाना चाहते हैं या फिर महल. अगर आप महल बनाते हैं तो हर किसी को उसमें जगह मिलेगी. और यदि खंडहर रहेगा तो किसी को कुछ नहीं मिलेगा. तो यदि आप सब लोग एकजुट होकर काम करते हैं तो महल में इतने कमरे होंगे कि हर किसी को उसमें स्थान मिलेगा.’
उन्होंने आगे कहा,
‘ये बात लोगों को बहुत पसंद आई और इसके बाद एकता बनी. मीडिया भले ही इस बात को उछाले, लेकिन हमने तीनों को एक रखा है. यहां पार्टी चलाने के लिए हमने एक त्रिकोण या त्रिभुज बनाया है, जिसमें दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, मुकेश अग्निहोत्री (नेता विपक्ष) और सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हैं. हम इन तीन चेहरों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं.’
राजीव शुक्ला ने बताया कि इसके साथ ही हिमाचल कांग्रेस के एक अन्य बड़े नेता धनीराम शांडिल को घोषणापत्र कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि सभी लोग एक साथ दिख रहे हैं.
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