हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की एक परफ्यूम फैक्ट्री में लगी आग की वजह से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है (Perfume Factory Fire). लगभग 30 लोग हादसे में घायल हुए हैं. कई अब भी लापता हैं. मामले की जांच के लिए SIT बनाई गई है. एक शख्स को अरेस्ट भी कर लिया गया है. आग सोलन जिले के बड्डी में NR अरोमा नाम की कॉस्मेटिक और परफ्यूम बनाने वाली फैक्ट्री में लगी थी.
हिमाचल परफ्यूम फैक्ट्री में अचानक लगी आग, बचने के लिए छत से कूदीं महिलाएं, 5 की मौत
Himachal Pradesh के Solan जिले की इस Perfume Factory में आग से 5 लोगों की मौत हो गई, जले हुए शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है. SIT जांच शुरू हो गई है. अब तक क्या-क्या पता लगा है?
ये फैक्ट्री बरोटीवाला के झाड़माजरी गांव में है. 2 फरवरी की दोपहर को लगभग डेढ़ बजे अचानक इमारत में आग लग गई. आग इतनी ज्यादा फैल गई थी कि उस पर काबू पाने के लिए हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और स्थानीय उद्योगों से लगभग एक दर्जन दमकल गाड़ियों को बुलाना पड़ा. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान घायलों को अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया. पुलिस जांच में पता चला है कि घटना के वक्त फैक्ट्री के अंदर लगभग 85 कर्मचारी मौजूद थे.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जले हुए शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है. लापता लोगों के परिजनों के DNA सैंपल लेने के बाद मृतकों की पहचान की जाएगी. लापता हुए लोगों में ज्यादातर महिलाएं हैं. घटना से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं. एक वीडियो में आग से बचने से कर्मचारी छत से कूदते दिख रहे हैं. उन्हें काफी चोटें आई हैं.
मैनेजमेंट के खिलाफ FIR दर्जहिमाचल प्रदेश के DGP ने मामले की जांच करने के लिए SIT बनाने की घोषणा की. इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक खजाना राम और स्टेशन हाउस ऑफिसर (बरोटीवाला) उप-निरीक्षक संजय शर्मा शामिल होंगे. सोलन के डिप्टी कमिश्नर मन मोहन शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कंपनी मैनेजमेंट के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. कंपनी का मालिक गुजरात का एक बिजनेसमैन है. धारा 285 (आग के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण), 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 337 (चोट पहुंचाना) और 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की गई है.
इसके अलावा पुलिस ने कंपनी के कामकाज की देखरेख करने वाले चंद्र शेखर को लापरवाही और गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. वो यहां प्लांट हेड के तौर पर काम करता था. खबर है कि जांच के बाद और गिरफ्तारियां की जाएंगी.
आग किस वजह से लगी इस बात का अब तक पता नहीं चल सका है. पुलिस के मुताबिक, जहरीली गैसों के चलते NDRF ने फोरेंसिक एक्सपर्ट्स को इमारत में जाकर जांच करने की अनुमति नहीं दी है. NDRF फिलहाल साइट की संरचनात्मक सुरक्षा का आकलन कर रही है. इमारत को कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों से फ्री करने के लिए काम किया जा रहा है. इसके बाद ही फॉरेसिंक टीम घटनास्थल का निरीक्षण करेगी.
इस बीच, DGP ने राज्य सरकार से केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान टीम से मदद का अनुरोध किया है.
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