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शिमला के बाद मंडी में भी मस्जिद पर बवाल, प्रोटेस्ट के बीच डिप्टी कमिशनर ने दिया बड़ा बयान

Himachal Pradesh Mandi News: मंडी के डिप्टी कमिशनर ने कहा है कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई होगी और मस्जिद को सील किया जाएगा.

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पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर चलाए वॉटर कैनन (फोटो- ANI)

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बाद मंडी में भी मस्जिद को लेकर विवाद शुरू हो गया है (Mandi Mosque Protest Himachal). 13 सितंबर को मंडी में जेल रोड पर बनी 'अवैध' मस्जिद निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली. वो सवाल कर रहे हैं कि एक दशक पहले वहां मस्जिद बनाने की अनुमति क्यों दी गई थी. खबर है कि प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस बीच मंडी के डिप्टी कमिशनर ने बड़ा बयान दिया है.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों की रैली जेल रोड स्थित सकोडी चौक के पास पहुंचने की तैयारी में है. यहां पुलिस ने बैरिकेड्स के साथ कड़ी सिक्योरिटी का इंतजाम किया है. जबरदस्त बवाल के बीच डिप्टी कमिशनर अरिंदम चौधरी ने कहा है कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई होगी और मस्जिद को सील किया जाएगा. 

दी ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय निवासियों का आरोप है कि मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी ने PWD की करीब 33 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है. खबर ये भी है कि मुस्लिम समुदाय ने प्रदर्शन के बीच खुद ही मस्जिद के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिन पहले मंडी नगर आयुक्त की अदालत में मामले पर सुनवाई हुई थी और तब मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी मस्जिद के निर्माण से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड पेश करने में विफल रही. नगर आयुक्त ने सोसायटी के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर PWD से NOC और संरचना का स्वीकृत प्लान पेश करने का निर्देश दिया था. मुस्लिम समुदाय के साथ चर्चा के बाद सहमति बनी थी कि अनधिकृत सुरक्षा दीवार को ध्वस्त कर दिया जाएगा.

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शिमला में क्या चल रहा है?

शिमला में मस्जिद के अंदर कथित अवैध निर्माण को लेकर 11 सितंबर को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी. जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. 

दरअसल शिमला के संजौली इलाके में बिना अनुमति के मस्जिद में अवैध निर्माण कराने का आरोप है. स्थानीय लोगों के मुताबिक ये निर्माण पूरी तरह से अवैध है. ऐसे में इस निर्माण की अनुमति नहीं देनी चाहिए. ये मस्जिद 1947 में बनाई गई थी. लेकिन 2010 में इसका पुनर्निमाण कराया गया. इसी दौरान यहां कई अवैध निर्माण किए गए हैं. स्थानीय लोगों ने आगे बताया कि शिमला नगर निगम ने मस्जिद के अंदर किए गए अवैध निर्माण को लेकर कई बार नोटिस दिया है. लेकिन इसके बावजूद अवैध निर्माण नहीं रोका गया. इसको लेकर स्थानीय लोगों ने 5 सितंबर को भी प्रदर्शन किया था. 

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