झारखंड हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई है. सोरेन सरकार ने केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों की अवमानना का मामला चलाए जाने की अपील की है. इससे पहले भी झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति में 7 महीने की देरी हुई थी.
अब हेमंत सोरेन सरकार केंद्र को सुप्रीम कोर्ट लेकर पहुंच गई, CJI चंद्रचूड़ क्या बोले?
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 11 जुलाई जस्टिस एमएस रामचंद्र राव को झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किए जाने की सिफारिश थी. लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने उस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इसी को लेकर झारखंड सरकार केंद्र पर भड़की हुई है.
‘Live Law’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने 19 सितंबर को इस विषय में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि को सूचित किया. CJI ने उन्हें झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति में देरी के लिए दायर की गई अवमानना याचिका के बारे में बताया. यह याचिका झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ दायर की है. चंद्रचूड़ ने कहा है,
"झारखंड सरकार ने एक अवमानना याचिका दायर की है. कल रात घर निकलते वक्त मुझे बताया गया कि झारखंड सरकार ने केंद्र के खिलाफ अवमानना दायर की है."
इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. दोनों के बीच यह बातचीत उस दौरान हुई जब अटॉर्नी जनरल ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में एक याचिका को स्थगित करने की मांग की. इस याचिका पर शुक्रवार, 20 सितंबर को सुनवाई होनी है. अटॉर्नी जनरल की मांग पर CJI की बेंच ने कहा कि ये दलीलें शुक्रवार को दीजिए, क्योंकि ये मामला पहले से ही विचाराधीन है.
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मामले का बैकग्राउंड क्या है?झारखंड हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस का पद 19 जुलाई से ही खाली है. लगभग दो महीने बीत गए हैं. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद कार्यकारी चीफ जस्टिस के तौर पर पद संभाल रहे हैं. झारखंड सरकार ने जिन नियमों का हवाला दिया उसके मुताबिक, कार्यकारी चीफ जस्टिस पर एक महीने से अधिक यह जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 11 जुलाई को मध्यप्रदेश, मद्रास, जम्मू और कश्मीर, सहित आठ राज्यों के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नामों की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी. इस कॉलेजियम में डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा दो सदस्य और हैं. कॉलेजियम ने जस्टिस एमएस रामचंद्र राव को झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किए जाने की सिफारिश थी. लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने उस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इसी को लेकर झारखंड सरकार केंद्र पर भड़की हुई है.
पिछली बार मंजूरी देने में 7 महीने की देरीझारखंड सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि पिछली बार ओडिशा हाई कोर्ट के जज बीआर सारंगी को झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी. 27 दिसंबर, 2023 को यह सिफारिश भेजी गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 3 जुलाई, 2024 को नियुक्ति की मंजूरी दी. यानी लगभग 7 महीने की देरी.
जस्टिस सारंगी केवल 15 दिन चीफ जस्टिस रहकर 19 जुलाई को रिटायर हो गए. और तब से कार्यकारी चीफ जस्टिस के देख-रेख में काम चल रहा है.
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