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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली जमानत, 'जमीन घोटाला' मामले में HC का आदेश

Hemant Soren को इस साल जनवरी में ED की टीम ने गिरफ्तार किया था. ED ने सोरेन को 10 समन भेजे थे.

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हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई है. (फाइल फोटो: PTI)

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren Bail) को एक कथित जमीन घोटाले मामले में जमानत मिल गई है. झारखंड हाई कोर्ट ने सोरेन को 8.36 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जे से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत दे दी है. अदालत में 13 जून को जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस आर मुखोपाध्याय ने 28 जून को सोरेन को जमानत देने का फैसला सुनाया.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान ED ने कहा था कि सोरेन एक प्रभावशाली इंसान हैं, जेल से बाहर जाने पर वो सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं. ED ने इस आधार पर उन्हें जमानत नहीं देने की मांग की थी. इधर, हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया था कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. और ये मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है.

क्या है पूरा मामला?

इस मामले की शुरुआत भानु प्रताप प्रसाद नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी से हुई थी- जो 2023 में बढ़गांव क्षेत्र का भूमि राजस्व निरीक्षक था. और कथित तौर पर एक जमीन हड़पने वाले सिंडिकेट का हिस्सा था. प्रसाद पर जमीन के कागजात में हेराफेरी का भी आरोप है. प्रसाद के फोन में 8.36 एकड़ जमीन के टुकड़े की एक तस्वीर थी, जो कथित तौर पर सोरेन के अवैध कब्जे में थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. 

वहीं 31 जनवरी की सुबह ED की टीम हेमंत सोरेन के रांची स्थित आवास पहुंची थी. वहां कथित जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनसे कई घंटों तक पूछताछ की गई थी. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

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गिरफ्तारी से पहले ED ने सोरेन को दस समन भेजे थे. जिसमें से 8 समन का उन्होंने जवाब नहीं दिया. लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के बाद से जांच एजेंसियों ने इस मामले में सोरेन से तीन बार पूछताछ की है.

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