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दिल्ली में पारा गया था 52 डिग्री के पार? मौसम विभाग कर रहा जांच, रिजिजू बोले- कुछ ऑफिशियल नहीं

दिल्ली के मुंगेशपुर इलाक़े का अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जो भारत में किसी भी जगह के लिए अब तक का रिकॉर्ड है. इसके बाद मौसम विभाग (IMD) ने डेटा और सेंसर की जांच करने की भी बात कही है.

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गर्मी की मार से उत्तर भारत लाचार. (प्रतीकात्मक तस्वीर - इंडिया टुडे)

गर्मी ने उत्तर भारत (North India Heatwave) में लोगों को बेहाल कर दिया है. आसमान आग बरसा रहा है. अलग-अलग राज्य की सरकारें हीटवेव को लेकर अलर्ट (Heatwave Alert) जारी कर रही हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के महोबा ज़िले में हीट स्ट्रोक की चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 20 गंभीर रूप से बीमार मरीजों को कोल्डवार्ड में भर्ती किया गया है. इस बीच देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में 29 मई को पारा 52.9 डिग्री सेल्सियस तक जाने की ख़बर आई. कहा गया कि मुंगेशपुर इलाक़े में दर्ज ये तापमान, भारत में किसी भी जगह के लिए अब तक का रिकॉर्ड है. हालांकि बाद में इसे लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसे लेकर एक स्पष्टीकरण जारी किया है. बताया कि हो सकता है कि ये तापमान सेंसर में गड़बड़ी की वजह से रिकॉर्ड हुआ हो. IMD ने डेटा और सेंसर की जांच करने की भी बात कही है. केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू (Union Minister Kiren Rijiju) की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है.

किरेण रिजिजू का कहना है कि ये आधिकारिक आंकड़ा नहीं है और दिल्ली में पारे का 52.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचना बहुत मुश्किल है. IMD का कहना है कि 29 मई की दोपहर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में तापमान 45.2 से 49.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. इससे पहले 28 मई को मुंगेशपुर और उत्तरी दिल्ली के नरेला में 49.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड गया था. ये दिल्ली के लिए अब तक का उच्चतम स्तर है. सफदरजंग मौसम ऑब्जर्वेटरी ने 29 मई को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. ये 80 सालों में सबसे ज़्यादा है. साथ ही, ये अपेक्षित तापमान से 6 डिग्री ज़्यादा है. हालांकि हीटवेव के बीच शाम को बारिश भी हुई. इससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली.

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मौसम विभाग ने बताया कि 29 मई को पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, राजस्थान के कुछ हिस्सों, बिहार, झारखंड, ओडिशा में हीटवेव का रेड अलर्ट है. जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में हीटवेव का ऑरेंज अलर्ट है. मौसम विभाग ने 28 मई को ये संभावना जताई थी कि मॉनसून अगले 24 घंटे में 29 मई की शाम तक केरल तट से टकरा सकता है. आमतौर पर मॉनसून केरल में 1 जून को आता है. इसके कुछ दिनों बाद उत्तर-पूर्व में आता है, फिर 5 जून तक देश के ज़्यादातर हिस्से को कवर कर लेता है. 26 मई को बंगाल में आये रेमल साइक्लोन को मॉनसून के जल्दी आने की असल वजह बताया जा रहा है, जो पिछले हफ़्ते से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में आया था.

बता दें, 2023 में केरल में मॉनसून की एंट्री सात दिनों की देरी के बाद 8 जून को हुई थी.

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