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हाथरस केस में पहली गिरफ्तारी, 'भोले बाबा' के इन 6 खास लोगों को पकड़ा गया

पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख रुपये का इनाम रखा गया है. पुलिस उनके खिलाफ कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग कर रही है.

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हाथरस केस में सभी मृतकों की पहचान की गई. (फोटो- पीटीआई)

हाथरस भगदड़ मामले में यूपी पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. पुलिस का कहना है कि ये सभी लोग स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ 'भोले बाबा' के कार्यक्रम कराने वाली आयोजन समिति के सदस्य (सेवादार) हैं. गिरफ्तार लोगों में 4 पुरुष और 2 महिलाएं हैं. हादसे के बाद इस मामले में ये पहली गिरफ्तारी है. पुलिस ने ये भी बताया कि सभी 121 मृतक लोगों के शव की पहचान हो चुकी है. वहीं, 31 घायल लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

अलीगढ़ रेंज के IG शलभ माथुर ने बताया कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख रुपये का इनाम रखा गया है. FIR में देव प्रकाश का नाम ही आरोपी के तौर पर दर्ज है. पुलिस उनके खिलाफ कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग कर रही है. वे 2 जुलाई को हुए सत्संग के मुख्य आयोजनकर्ताओं में एक हैं. इसके अलावा, आरोपियों में "अन्य आयोजक" लिखा गया है.

‘भोले बाबा’ की गिरफ्तारी को लेकर शलभ माथुर ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बाबा से पूछताछ की जाएगी, FIR में बाबा का नाम नहीं है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा वे जांच के दायरे में हैं. बताया कि पुलिस बाबा के बैकग्राउंड के बारे में जानकारी जुटा रही है. पुलिस की टीमों को उन जगहों पर भेजा गया है जहां उनके आपराधिक रिकॉर्ड रहे हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे आयोजन समिति के सदस्य हैं और सेवादार के तौर पर काम करते हैं. उन्होंने पुलिस को बताया, 

"भीड़ इकट्ठा करने की और चंदा जुटाने की जिम्मेदारी हमारी थी. भीड़ को नियंत्रित करने, पंडाल की व्यवस्था करने, पार्किंग की जिम्मेदारी भी हमारी थी."

पुलिस का दावा है कि सूरज पाल अभी तक फरार हैं और पुलिस को उनके ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं है.

इससे पहले, 3 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया था. इस जांच कमिटी की अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे. इसके अलावा दो रिटायर्ड IAS अधिकारी हेमंत राव और भावेश कुमार सिंह कमिटी में शामिल हैं.

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घटना में दर्ज FIR के मुताबिक, कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति मांगी गई थी. जबकि वहां करीब ढाई लाख लोगों की भीड़ पहुंच गई थी. FIR बताती है कि दोपहर 2 बजे श्रद्धालुओं ने सूरज पाल की गाड़ी गुजरने के बाद वहां धूल समेटना शुरू कर दिया. इसी दौरान लोगों की बेतहाशा भीड़ एक-दूसरे को कुचलने लगी. इसके कारण कई लोगों ने वहीं पर अपनी जान गंवा दी. कई लोगों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है.

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