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हाथरस हादसा: "सत्संग के बाद गुरुजी की कार निकली, तभी...", चश्मदीदों ने बताया क्या हुआ था?

एक प्रत्यक्षदर्शी ने आजतक को बताया कि जहां धार्मिक आयोजन हो रहा था, वहां मिट्टी गीली थी. आयोजन खत्म होने के बाद जब वहां से गुरुजी जा रहे थे, तब लोग उनके पैर छूने के लिए दौड़े और भगदड़ मच गई.

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पुलिस ने बताया है कि इस धार्मिक आयोजन में कम से कम 15,000 लोग मौजूद थे. (फ़ोटो/आजतक)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ मचने से सौ से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है. दर्जनों लोग इस हादसे में घायल हो गए हैं. यह हादसा हाथरस जिले की सिकंदरा राव तहसील के रतिभानपुर गांव में हुआ है. दुर्घटना के बाद एक प्रत्यक्षदर्शी ने आजतक को बताया कि जहां धार्मिक आयोजन हो रहा था, वहां मिट्टी गीली थी. आयोजन खत्म होने के बाद जब वहां से गुरुजी जा रहे थे, तब लोग उनके पैर छूने के लिए दौड़े और भगदड़ मच गई. वहां पर मौजूद एक और व्यक्ति ने बताया कि हादसे में उनकी पत्नी की मौत हो गई. वहीं पुलिस ने बताया है कि इस धार्मिक आयोजन में कम से कम 15,000 लोग मौजूद थे.

हाथरस हादसे के चश्मदीदों ने क्या बताया?

इंडिया टुडे से बात करते हुए एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा,

“सत्संग का पंडाल एक खेत में लगा था. खेत की मिट्टी गीली थी. सत्संग के बाद जब गुरुजी की कार जाने लगी तो लोग उनके पैर छूने के लिए भागने लगे और भगदड़ मच गई. कई लोग गिर गए. कई लोग उन पर चढ़कर निकलने लगे.”

भानू नाम के चश्मदीद ने बताया कि सत्संग के बाद गुरुजी जा रहे थे. उसी वक्त कुछ लोग उनके पैर छूने के लिए भागने लगे. उन्होंने कहा,

"जैसे ही लोग भागने लगे तो भगदड़ मच गई. कुछ लोग दब गए. यहां सामने एक गड्डा है. कुछ लोग उसमें गिर गए. कुछ लोग गेट के दूसरी तरफ गिर गए. वहां गुरुजी के सेवादार खड़े थे. वो लोगों को निकालने लगे. हम भी मदद करने गए लेकिन उन्होंने हमे लोगों को हाथ लगाने से मना कर दिया. बाद में हम लोग वीडियो बनाने लगे. उन्होंने हमारा मोबाइल छीन लिया. फ़ोटो वीडियो लेने से मना किया. और कहा कि यहां से चले जाओ, वहां बहुत मारेंगे." 

चश्मदीद रामदास ने बताया कि वो अपनी पत्नी को दवा दिलाने अलीगढ़ लेकर गए थे. लेकिन वापस आते वक्त उनकी पत्नी ने कहा कि सत्संग में जाना है. भगदड़ में उनकी पत्नी भी हादसे का शिकार हो गई. रामदास ने बताया,

"सत्संग में जहां लोग पानी पिला रहे थे, मैं वहीं बैठ गया. लेकिन मेरी पत्नी अंदर चली गई. उसके बाद मुझे पता चला कि मेरी पत्नी को एंबुलेंस लेकर गई है. यहां अस्पताल में मुझे पता चला कि मेरी पत्नी की मौत हो गई है."

भगदड़ में रामदास की पत्नी भी हादसे का शिकार हो गई.

एक चश्मदीद महिला ने बताया कि वहां भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. बाद में सत्संग खत्म हो गया. लेकिन लोग भागने लगे. इधर-उधर होने लगे. एक के ऊपर एक लोग गिरने लग गए. महिला ने आगे बताया,

"लोग एक के ऊपर नाले में जाकर गिरने लगे. एक दो-घंटे तक लोग दबे ही रहे. और दब कर उनकी मौत हो गई. भगदड़ में मेरी पड़ोसन की भी मौत हो गई है. मैं भी भगदड़ में गिर गई थी लेकिन कुछ लोगों ने मुझे खींच लिया था."

महिला ने ये भी कहा कि सत्संग खत्म होने के बाद लोग जल्दी से जल्दी अपने घर जाना चाहते थे इसलिए भगदड़ मची और लोग नाले में गिर गए.

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