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सुरक्षा के लिए महिला और पुरुष गार्ड, अलग से VIP रोड, हाथरस वाले 'भोले बाबा' का ऐसा था जलवा

Hathras stampede case: जानकारी के मुताबिक़, कार्यक्रम को लेकर जो FIR हुई है, उसमें Narayan Sakar Hari बाबा का नाम नहीं है. मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के ख़िलाफ FIR की गई है.

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UP पुलिस ने बताया है कि नारायण साकार हरि उर्फ ​​'भोले बाबा' अभी भी फरार हैं. (फ़ोटो - इंडिया टुडे/PTI)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस में हुए धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ में मौतों की संख्या 121 पहुंच गई है (Hathras stampede death toll rises to 121) . इसे लेकर कई अपडेट्स आ रहे हैं. कार्यक्रम एक स्वयंभू बाबा नारायण साकार हरि का था. उन्हें 'भोले बाबा' के नाम से भी जाना जाता है. उनका असली नाम सूरज पाल जाटव बताया जा रहा है. इसी 'भोले बाबा' नाम से बाबा के कार्यक्रम या सत्संग का आयोजन होता है. उनका भगदड़ मचने वाला ये कार्यक्रम हाथरस के फुलरई गांव में था. बाबा नारायण साकार हरि को लेकर अब नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. कार्यक्रम को लेकर जो FIR हुई है, उसमें बाबा का नाम नहीं है (FIR registered in Hathras stampede case doesn’t name Narayan Sakar Hari ). अब ख़बर आई है कि बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए महिला और पुरुष गार्ड रखे थे. इन गार्ड्स को नारायणी सेना नाम दिया गया था. ये लोग आश्रम से लेकर प्रवचन स्थल तक बाबा की सेवा करते थे.

जानकारी के मुताबिक़, बाबा ने अपनी सुरक्षा में अपने सेवादारों को ही रखा था. सुरक्षा में लगे ये सेवादार एक तरह का ड्रेस कोड भी पहनते थे. भोले बाबा के सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती है. बताया गया कि कुछ शिष्य पुलिस से भी हैं, जो मौक़ा मिलने पर प्रवचन के वक़्त आ जाते थे. प्रवचन स्थल तक बाबा के लिए अलग से एक रास्ता भी बनाया गया था. इस मार्ग पर बाबा का काफिला ही निकलना था. इसके अलावा किसी को जाने की अनुमति नहीं थी.

इस बीच UP पुलिस ने बताया है कि नारायण साकार हरि उर्फ ​​'भोले बाबा' अभी भी फरार हैं. मामले में एक सीनियर अफ़सर ने बताया कि मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के ख़िलाफ FIR की गई है. हाथरस पुलिस ने ये FIR सिकंदराराऊ थाने में में दर्ज की है. अधिकारी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (ग़ैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (ग़लत तरीक़े से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

इस बीच फुलराई गांव में हुए आयोजन स्थल का वीडियो सामने आया है. इसमें बताया गया है कि सत्संग के लिए VVIP इंतजाम किए गए थे. सत्संग स्थल पर बाबा के लिए बनाए गए मंच के फ़ुटेज दिखाए गए हैं. 

इस बीच कार्यक्रम में गड़बड़ियों की भी ख़बरें आ रही हैं. बताया गया कि सत्संग के लिए 80 हज़ार लोगों की परमिशन मांगी गयी थी, लेकिन करीब ढाई लाख लोग जमा हुए थे. 50 से 60 बीघा करीब खेत क्षेत्र में पंडाल लगाया गया था. सत्संग ख़त्म होने के बाद लोग अचानक बाहर की ओर निकले, लेकिन एग्जिट गेट बेहद संकरा था और रास्ते में नाला था. इससे भगदड़ मची. लोग एक के ऊपर एक नाले में गिर गए. इससे डेढ़-2 घंटे तक लोग दबे रहे.

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