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हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देवप्रकाश गिरफ्तार

2 जुलाई को हाथरस में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ से 121 लोगों की मौत हुई थी.

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2 जुलाई को हाथरस में धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी. (फ़ोटो/आजतक)

Hathras Satsang Stampede को लेकर बड़ा अपडेट आया है. यूपी पुलिस ने हाथरस हादसे मामले के मुख्य आरोपी Dev Prakash Madhukar को गिरफ़्तार कर लिया है. देवप्रकाश मधुकर 'भोले बाबा' का मुख्य सेवादार भी है. पुलिस ने देवप्रकाश पर एक लाख का इनाम घोषित किया था. इससे पहले पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ़्तार किया था. 2 जुलाई को हाथरस में धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी.

आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताब़िक यूपी पुलिस ने दिल्ली के नजफ़गढ़ के एक अस्पताल से देवप्रकाश को गिरफ़्तार किया है. आरोपी ने पहले सरेंडर कर दिया था. पुलिस ने कहा है कि अभी आरोपी से पूछताछ चल रही है.

पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के अनुसार, 'मुख्य सेवादार' देव प्रकाश मधुकर की पुलिस ने मुख्य आरोपी के रूप में पहचान की है. इससे पहले पुलिस ने मधुकर के बारे में जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी.

FIR के अनुसार, धार्मिक सभा में 2.50 लाख से अधिक लोग शामिल हुए, जबकि प्रशासन ने 80,000 लोगों के लिए अनुमति दी थी. FIR मे बताया है कि सत्संग आयोजकों ने सबूत छिपाए. बाबा के भक्तों की चप्पलें और अन्य सामान को पास के खेतों में फेंका. उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों की वास्तविक संख्या को छिपाने का प्रयास किया.

रिपोर्ट में बताया है कि कार्यक्रम में भगदड़ तब मची जब कई भक्त 'भोले बाबा' के पीछे जाने लगे. उनके पैरों की मिट्टी लेने के लिए दौड़े. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोग एक के बाद एक गिरते गए और उनके शव एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे.

इस बीच, पुलिस नारायण साकार हरि की तलाश कर रही है. टीमों को अलग अलग शहरों में भेजा गया है जहां उसका संभावित उनका आपराधिक रिकॉर्ड है. हालांकि, बाबा का नाम FIR में नहीं लिखा गया है.  

कौन है 'भोले बाबा'

हाथरस में स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि का कार्यक्रम था. लोग उन्हें 'भोले बाबा' के नाम से भी जानते हैं. साकार हरि पहली बार कोविड-19 महामारी के दौरान चर्चा में आए थे. 7 दिसंबर 2021 का दिन था. देश में कोविड-19 की तीसरी लहर चल रही थी. तब कार्यक्रमों या सामाजिक जुटानों में ज्यादा लोगों के आने की अनुमति नहीं मिलती थी. उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में नारायण साकार हरि ने कार्यक्रम के लिए 50 लोगों की अनुमति ली थी. लेकिन उनके कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ पहुंच गई. ये कोविड प्रोटोकॉल का सरासर उल्लंघन था. प्रशासन ने आयोजक के खिलाफ केस दर्ज करने का नोटिस भी जारी किया था. हालांकि, बाद में साकार हरि के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हर मंगलवार को इनका कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इन कार्यक्रमों में हजारों लोगों की भीड़ जुटती है. 2 जुलाई के कार्यक्रम का भी एक पोस्टर वायरल हो रहा है. इसका आयोजन 'मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति' ने करवाया था.

यूपी के मैनपुरी में उनका आश्रम है, जो 21 बीघे के इलाके में फैला है. साल 2014 तक अपने पैतृक गांव बहादुरनगर में ही सत्संग किया, 2014 के बाद उन्होंने दूसरे राज्यों का दौरा शुरू किया. 2014 में ही उन्होंने बहादुरनगर से मैनपुरी में अपना बेस शिफ्ट किया था.

साल 2000 में साकार विश्व हरि को 'चमत्कार करने' के मामले में गिरफ्तार किया गया था. आगरा में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि कुछ दिन बाद सबूतों के अभावों में उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया था.

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