हरियाणा के नूह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा (Nuh Communal Violence) को लेकर जिले के SP नरेंद्र बिजारणिया का बयान सामने आया है. उन्होंने हिंसा के शुरू होने की पूरी कहानी बताई है. बताया कि मोनू मानेसर के यात्रा में शामिल होने की खबरों को लेकर ही लोग आपस में भिड़े. उन्होंने आगे बताया कि हिंसा में 50 से 60 लोग घायल हुए हैं. 80 से 90 गाड़ियों में आग लगाई गई.
SP ने सुनाई नूह हिंसा की इनसाइड स्टोरी, मोनू मानेसर का क्या कनेक्शन निकला?
यात्रा से पहले मोनू मानेसर का एक वीडियो भी सामने आया था. जिसमें वो कह रहा था कि वो इस यात्रा में शामिल होने वाला है. उसने बाकी लोगों से भी यात्रा में शामिल होने की अपील की थी.
आजतक के साथ बातचीत में SP ने बताया,
हरियाणा के मेवात क्षेत्र में 31 जुलाई को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर से ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ निकाली गई थी. वहां खबर फैल गई कि भिवानी हत्याकांड का आरोपी मोनू मानेसर भी यात्रा में शामिल हो रहा है. इसी को लेकर कहासुनी हुई और फिर हिंसा शुरू हो गई.
यात्रा से पहले मोनू मानेसर का एक वीडियो भी सामने आया था. जिसमें वो कह रहा था कि वो इस यात्रा में शामिल होने वाला है. उसने बाकी लोगों से भी यात्रा में शामिल होने की अपील की थी. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
यात्रा के रास्ते में तीन जगहों पर लगभग एक हजार पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. इसके बावजूद हिंसा जारी रही. पुलिस ने बताया कि करीब पांच किलोमीटर दूर युवकों के एक ग्रुप ने जुलूस को रोका, इसके बाद झड़प शुरु हो गई. देखते ही देखते ये झड़प पत्थरबाजी में बदल गई. आगजनी भी होने लगी.
हिंसा भड़कते ही मेवात क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं दो अगस्त तक के लिए सस्पेंड कर दी गई हैं. वहीं नूह, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम जिले में धारा 144 लगाई गई है. SP ने आगे बताया कि फिलहाल स्थित कंट्रोल में हैं. जगह जगह पर अर्धसैनिक बल और हरियाणा STF को तैनात किया गया है. बताया कि DGP खुद हालात की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
कौन है मोनू मानेसर?मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर हरियाणा में बजरंग दल की गोरक्षक शाखा का प्रमुख है. साल 2011 में मोनू ने बजरंग दल की सदस्यता ली थी. साथ ही वो हरियाणा सरकार की ‘काऊ टास्क फोर्स' का चेहरा है. इस टास्क फोर्स काम था मवेशियों की तस्करी और गोकशी के बारे में जानकारी जुटाना और अवैध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करना. मोनू की टीम में करीब 50 लोग काम करते हैं. उसकी टीम साल 2017 से काफी एक्टिव है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये टीम हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम करती है.
सोशल मीडिया पर मोनू के काफी ज्यादा फॉलोअर हैं. वो अक्सर विवादों में रहता है. कई विवादित बयान भी सामने आते रहे हैं. वो सोशल मीडिया पर लोगों को पीटते हुए वीडियो डालता है. खतरनाक हथियारों के साथ उसकी कई फोटो मौजूद हैं. पुलिस अधिकारियों के साथ भी उसकी करीबी बताई जाती है. इससे पहले मोनू पर आरोप लगा था कि उसने कथित तौर पर गोतस्करी कर रहे वारिस नाम के शख्स की पिटाई की जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
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तीन महीने पहले ही भिवानी हत्याकांड मामले की FIR में मोनू मानेसर का नाम शामिल किया गया था. फरवरी में एक बोलेरो गाड़ी से दो नर कंकाल मिले थे. बताया गया कि जुनैद और नासिर नाम के दो मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट के बाद उन्हें जिंदा जला दिया गया था. दोनों राजस्थान के भरतपुर के पहाड़ी थाना क्षेत्र के रहने वाले थे.
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