यति नरसिंहानंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
उत्तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद को शनिवार, 15 जनवरी की देर शाम गिरफ्तार कर लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरिद्वार धर्म संसद (Haridwar Dharm Sansad) कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ की गई भड़काऊ बयानबाजी के मामले पुलिस ने ये गिरफ्तारी की है. हालांकि पुलिस ने कुछ और ही कारण बताए हैं. वहीं हेट स्पीच मामले में इससे पहले पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था. दूसरी तरफ, जितेंद्र त्यागी की जमानत अर्जी शनिवार को एक अदालत ने खारिज कर दी. जितेंद्र त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में यति नरसिंहानंद धरने पर बैठे थे, जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के विरोध में पुलिस थाने के बाहर कुछ समर्थक जमा हो गए थे. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया.
पुलिस क्या कह रही है?
मीडिया ने जब यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के बारे में पूछा तो CO सिटी हरिद्वार शेखर चंद सुयाल ने बताया,
एक कोतवाली में जो मुकदमा था, उसमें वह अभियुक्त थे. उनको गिरफ्तार किया गया है. उन पर दो तीन मुकदमे चल रहे थे. लगातार उनका ऑफेंस रिपीट हो रहा था, इसलिए उनकी गिरफ्तारी हुई है.
मीडिया ने जब उनसे पूछा कि क्या हेट स्पीच में उनकी गिरफ्तारी हुई. इस पर CO सिटी कहने लगे अभी के लिए बस इतना ही. थैंक्यू. इसके बाद मीडिया ने जब उनसे पूछा कि धारा ही बता दीजिए. क्या किसी महिला से जुड़ी किसी धारा में गिरफ्तार किया गया है? इस पर CO सिटी ने कहा,
धारा मैंने आपको बता दिया है. तीसरा मुकदमा जो था, जिसमें महिलाओं के खिलाफ कुछ टिप्पणी थी, उस आधार पर उनकी अरेस्टिंग हुई है.
कहा जा रहा है कि ये गिरफ्तारियां उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भेजे गए नोटिस के बाद हुईं हैं.
क्या है हेट स्पीच मामला?
उत्तराखंड के हरिद्वार के भूपतवाला स्थित वेद निकेतन धाम में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. ‘इस्लामिक भारत में सनातन का भविष्य’ नाम से चले इस कार्यक्रम में स्वामी अमृतानंद, स्वामी सत्यव्रतानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, स्वामी वेदांत प्रकाश सरस्वती, स्वामी परमानंद, स्वामी ललितानंद महाराज, पंडित अधीर कौशिक जैसे करीब 500 लोग शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में मंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती समेत कई लोगों ने अल्पसंख्यकों पर आपत्तिजनक भाषण दिए. नरसंहार के नारे लगाए. इन विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. इनमें धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, एक विशेष समुदाय के व्यक्ति को प्रधानमंत्री ना बनने देने और एक विशेष समुदाय की आबादी न बढ़ने देने का जिक्र है. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद हरिद्वार पुलिस ने IPC की धारा 153 A (धर्म, भाषा, नस्ल आदि के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश) के तहत वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी, महामंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती,सागर सिंधु महाराज और यति नरसिंहानंद गिरी के खिलाफ केस दर्ज किया.
आयोजक क्या बोले?
यति नरसिंहानंद गिरी की गिरफ्तारी के बाद धर्म संसद के संयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा,
यति नरसिंहानंद हमारे नायक हैं. यह अच्छा है कि उन्होंने बहुत सारे लोगों को ट्रेंड कर दिया है. हम लोग यह सत्याग्रह जारी रखेंगे. सत्याग्रह चलता रहेगा, नियमों का पालन भी करेंगे ,नियमों का पालन शुरू से करते आ रहे हैं, नियमों का पालन पहले भी कर रहे थे नियमों का पालन अभी भी करते रहेंगे, लेकिन सत्याग्रह चलता रहेगा, जिस प्रकार से सरकार ने हिंदू विरोधी और संत विरोधी अपना चेहरा दिखाया है और यह चुनाव का बहाना है.
उन्होंने कहा कि तमाम बड़ी शक्तियां इसमें लग गई हैं जो अपने आप को कमजोर महसूस कर रही हैं उनको लग रहा है कि हमारी दुकान न बंद हो जाए, दुकान बंद होने के खतरे वाले लोग सामने आ गए हैं ,हमने मोर्चा खोला मुख्यमंत्री के खिलाफ तो हमारा नायक गिरफ्तार हो गया. लेकिन यहां सब नायक है नायक हमने 21 बना रखें है उसमें कोई पीछे हटने वाला नहीं है. इस बीच नरसिंहानंद का एक और वीडियो वायरल हुआ. जिसमें उन्होंने देश के संविधान, सुप्रीम कोर्ट और सेना पर भरोसा ना होने की बात कही. नरसिंहानंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और संविधान पर उन्हें कोई भरोसा नहीं है. यति ने कहा कि भारत के संविधान पर विश्वास करने वाले 100 करोड़ हिंदू मारे जाएंगे. जो इस सिस्टम, पुलिस, नेता और सेना पर भरोसा कर रहे हैं, वो सब मरने वाले हैं.