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अमेरिका इजरायल के साथ, हमास के साथ कौन? हमलों के बीच कौन-सा देश किस पाले में?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़ा है.

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भारत इजरायल के साथ खड़ा है (फोटो- आजतक)

जरायल पर हमास के हमले और फिर इजरायल की जवाबी कार्रवाई से पैैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति पर पूरी दुनिया नजर रख रही है. हमले के बाद इजरायल ने गाजा के खिलाफ जंग (Israel Gaza Conflict) का एलान कर दिया है. 7 अक्टूबर को अचानक हुए हमले में कम से कम 300 इजरायलियों की मौत होने की खबर है. तमाम देश के नेता हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं और इजरायल के साथ समर्थन व्यक्त कर रहे हैं. कुछ देश हमास की तरफ भी खड़ें हैं. और, कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्होंने इस लड़ाई को लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने 7 अक्टूबर को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की और इजरायल के अधिकारों के लिए अपने पूर्ण समर्थन की पुष्टि की. बाइडन ने लिखा,

“मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं कि इजरायल की सुरक्षा के लिए मेरे प्रशासन का समर्थन दृढ़ और अटूट है.”

जो बाइडन ने इजरायल को 8 बिलियन डॉलर के आपातकालीन सैन्य सहायता पैकेज को मंजूरी भी दे दी है. 

तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच लड़ाई पर चर्चा करने के लिए वो अपने क्षेत्रीय समकक्षों से बात कर रहे हैं. तुर्की ने संघर्ष की कड़ी निंदा की है और कहा कि वो व्यापक क्षेत्रों में फैलने से पहले स्थिति को कम करने में मदद करने के लिए तैयार है.

ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा कि उनका देश हमास द्वारा किए गए अचानक हमले की निंदा करता है. उन्होंने साफ किया कि UK हमेशा इजरायल का समर्थन करेगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हमास के हमलों को कायरतापूर्ण बताया और लिखा कि वे इजरायल के साथ हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी इजरायल के खिलाफ आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि वो पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं. 

रूस के उप-विदेश मंत्री मिखाइल बोगदानोव ने रूसी समाचार एजेंसी को बताया कि रूस ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है. बोले, हम इजरायलियों, फिलिस्तीनियों और अरब देशों के संपर्क में हैं. 

जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने भी इजरायल को सपोर्ट किया और कहा कि वो इजरायल के खिलाफ गाजा से ‘आतंकवादी हमलों’ की निंदा करता है.

यूरोपीय संघ के चीफ उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि 27 देशों का समूह साफ तौर पर इजरायल पर हमास के आतंकवादी हमले की निंदा करता है. उन्होंने हिंसा को तत्काल रोकने की अपील की.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा,

“ये हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हम इजरायल के साथ खड़े हैं और सेल्फ डिफेंस के उसके अधिकार का पूरा समर्थन करते हैं. हमारी संवेदनाएं सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं.”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत इस कठिन समय में इज़रायल के साथ एकजुटता से खड़ा है. लिखा,

“इजरायल में आतंकवादी हमलों की ख़बर से गहरा सदमा लगा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं बेक़ुसूर पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. हम इस कठिन समय में इज़रायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं.”

इधर, ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास के हमले को फिलिस्तीनियों का ‘सेल्फ डिफेंस एक्ट’ बताया. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कनानी ने कहा कि ये ऑपरेशन सत्ता हथियाने वाले शासन के चरमपंथियों के प्रति फिलिस्तीनियों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी. 

उन्होंने बाकी मुस्लिम देशों से अल-अक्सा मस्जिद और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन करने का आह्वान किया. 

इराक के प्रधानमंत्री ने मोहम्मद शिया अल सुडानी ने एक बयान में कहा कि फिलिस्तीनी लोगों द्वारा किया गया ये ऑपरेशन कई सालों से व्यवस्थित उत्पीड़न का स्वाभाविक परिणाम है. 

कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के उल्लंघन के चलते हुए इस हमले के लिए अकेले इजरायल जिम्मेदार है.

सीरिया ने भी सरकारी समाचार मीडिया के माध्यम से इजरायल पर हमास के हमलों के लिए समर्थन के बयान जारी किए.

सऊदी अरब ने भी हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. दावा किया कि इजरायल की ओर से बार-बार उकसावे और फिलिस्तीनियों को अधिकारों से वंचित रखने के चलते ये हमला हुआ.

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