खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो के नीचे 5 जुलाई की तारीख लिखी हुई है. दावा है कि ये वीडियो न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशन्स (UN) हेडक्वार्टर के बाहर का है. ट्विटर पर कई यूजर्स इस वीडियो को सबूत के तौर पर शेयर कर लिख रहे हैं, ‘पन्नू जिंदा है’.
खालिस्तानी पन्नू को मरा बताया, अब क्या Video आया जो लोग जिंदा होने का दावा करने लगे?
Video में गुरपतवंत सिंह पन्नू क्या बोल रहा है?

वीडियो में पन्नू कह रहा है कि आज 5 जुलाई है. आगे वो वो लोगों से 10 सितंबर को होने वाली खालिस्तान वोटिंग (जनमत संग्रह) में हिस्सा लेने की अपील कर रहा है. इससे पहले सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि पन्नू की अमेरिका में मौत हो गई है. कहा गया कि अमेरिका के हाईवे नंबर 101 पर उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ जिसमें उसकी जान चली गई. खबर वायरल हुई और कुछ देर बाद ही पन्नू के जिंदा होने के दावे वाले ट्वीट भी सामने आने लगे. इसी दावे के साथ कुछ लोग पन्नू का ये वीडियो भी शेयर कर रहे हैं.
इस पूरे मामले पर अब तक खालिस्तान का समर्थन करने वाले गुटों या अमेरिकी सरकार की तरफ से कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है. लल्लनटॉप सोशल मीडिया पर चल रही खबरों या वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
आतंकी निज्जर का करीबीपिछले महीने ही खबर आई थी कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरपतवंत सिंह पन्नू निज्जर का करीबी था, ऐसे में निज्जर के मर्डर के बाद पन्नू अंडरग्राउंड हो गया. बताया जाता है कि पन्नू और निज्जर दोनों एक साथ काम कर रहे थे और जनमत संग्रह अभियान शुरू करने के लिए अन्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी गए थे. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, निज्जर के मारे जाने के बाद गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपना प्रचार बंद कर दिया था. उसने निज्जर के समर्थन में कोई वीडियो या ऑडियो मैसेज तक जारी नहीं किया था.
पीएम मोदी को सीधी धमकीउससे पहले अप्रैल में पन्नू ने पीएम मोदी को धमकी दी थी. 14 अप्रैल को पीएम असम यात्रा पर थे, उसी दौरान पन्नू ने स्थानीय पत्रकारों को एक रिकॉर्डेड मैसेज भेजा था. अप्रैल में ही पन्नू ने सोशल मीडिया के जरिए दिल्ली में जी-20 राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के दौरान खालिस्तान के झंडे फहराने की घोषणा की थी.
गुरपतवंत सिंह पन्नू मूल रूप से पंजाब के अमृतसर जिले के गांव खानकोट का रहने वाला है. उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन किया. उसके बाद न्यूयॉर्क के टूरो लॉ कॉलेज से मास्टर्स और यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टफोर्ड से एमबीए की डिग्री ली. इसके बाद वो कनाडा चला गया. आरोप है कि वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को फिर से जिंदा करने में लग गया. इसी मकसद से उसने 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) की स्थापना की. भारत में यह संगठन प्रतिबंधित है. भारत सरकार ने 2019 में इस पर बैन लगाया था.
1 जुलाई 2020 को गुरपतवंत सिंह पन्नू काफी चर्चा में आया था. तब भारत सरकार ने उसे UAPA कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था. जुलाई 2020 में ही पंजाब पुलिस ने अमृतसर और कपूरथला में उसके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था. उसके बाद NIA ने UAPA एक्ट 1967 की धारा 51 ए के तहत अमृतसर स्थित उसकी अचल संपत्तियों की जब्ती का आदेश दिया था.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: खालिस्तान की धमकी पर मोदी सरकार ने क्या जवाब दिया? विदेशों में कैसे बढ़े खालिस्तानी समर्थक?