साल 2022, अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर पुलिस को एक महिला की लाश मिली. लाश के पास ही एक तीन साल की घायल बच्ची भी मिली, जो उस वक्त बोलने की स्थिति में नहीं थी. अब पुलिस ने उस महिला की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. पुलिस का दावा है कि हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि महिला के पति ने ही की थी. गुजरात के खेडा पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने लगभग दो साल पुरानी इस गुत्थी को ‘आंखों की पहचान’ से सुलझा लिया. उन्होंने न सिर्फ केस सुझलाया, बल्कि पूरे पुलिस महकमे के लिए एक मिसाल भी पेश की. लेकिन ये केस सुलझा कैसे? बताते हैं.
आंखें पहचानकर सुलझाया पुराना मर्डर केस, बच्चों ने ही निकाली मां के हत्यारे बाप की कुंडली
Gujarat के खेडा पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने लगभग दो साल पुराने मर्डर केस की गुत्थी को ‘आंखों की पहचान’ से सुलझा लिया. पुलिस का दावा है कि हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि महिला के पति ने ही की थी. लेकिन ये केस सुलझा कैसे? बताते हैं.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, 9 फरवरी, 2025 को अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर गंभीर रूप से घायल एक 5 साल का बच्चा मिला. जो ढंग से बोल भी नहीं पा रहा था. पूछने पर उसने अपना नाम कन्हैया और पापा का नाम उदय बताया. पुलिस ने इस बच्चे की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की. खेडा जिले के लोकल क्राइम ब्रांच (LCB) में हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप सिंह ने बच्चे की फोटो देखी, तो बच्चे की आंखे उन्हें कुछ जानी-पहचानी लगी. ये आंखे देखकर उन्हें लगभग दो साल पहले मिली बच्ची की याद आई, जो इसी हाइवे पर 2022 में मिली थी.
ये बात प्रदीप सिंह ने पुलिस अधिकारी को बताई. इसके बाद वे गुजरात के आणंद पहुंचे. जहां कन्हैया को रखा गया था. कन्हैया से बातचीत करने के बाद प्रदीप सिंह ने नडियाद के बाल अनाथालय मे रह रही खुशी (जो 2022 में हाइवे से घायल अवस्था में मिली थी) से वीडियो कॉल पर कन्हैया से बात करवाई. वीडियो कॉल पर खुशी ने तुरंत अपने भाई कन्हैया को पहचान लिया. पुलिस ने पुष्टि की दोनों बच्चे भाई-बहन हैं. इसके बाद कन्हैया को खुशी के पास ले जाया गया, जहां दोनो भाई-बहन मिलकर खुश हुए.
पुलिस ने कन्हैया को फोन दिया और कहा कि अपने पापा (उदय) को फोन लगाओ. लेकिन वह फोन पर सिर्फ चार डिजिट ही डॉयल कर पाया. पुलिस ने इन चार नंबर की डिटेल्स को उन नंबर्स से मैच कराया. जो दो साल पहले हुई हत्या के वक्त टेक्निकल जांच के वक्त इकठ्ठा किये गए थे. साथ ही एक लिस्ट तैयार करवाई, जिनमें वे 4 डिजिट नंबर्स शामिल थे. जो कन्हैया ने फोन पर डॉयल किए थे. इन सारे नंबर्स के मालिकों की फोटो कन्हैया को दिखाई गई. एक फोटो को कन्हैया ने पहचान लिया और उसे अपना पापा बताया. ये फोटो उदय की थी. पुलिस ने कन्हैया और खुशी दोनों से उनकी मां का नाम पूछा, तो दोनों ने अपनी मां का नाम अलग-अलग बताया. इसके बाद पुलिस का शक यकीन में बदलना शुरू हुआ.
‘पत्नी पर शक था, इसलिए हत्या…’पुलिस ने आरोपी उदय वर्मा को अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने महिला की हत्या करने की बात कुबूल की. उसने बताया कि उसे अपनी पत्नी पर शक था कि उसका किसी और के साथ अफेयर चल रहा है. इसलिए उसने पत्नी क गला दबाकर हत्या कर दी और उसकी लाश को हाइवे पर फेंक दिया. इतना ही नहीं, पत्नी की लाश के साथ उसने अपनी बेटी को भी ऊंचाई से नीचे फेंक दिया और मान लिया उसकी मौत हो गई. हालांकि, उसकी बेटी खुशी बच गई. आरोपी ने बताया कि उसने बेटे को भी मारने की योजना बनाई थी, लेकिन उसने अपना इरादा बदल दिया क्योंकि वह उस वक्त बहुत छोटा था. इसलिए वह अपने छोटे बेटे कन्हैया को अपने साथ ले आया.
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पुलिस ने बताया कि हत्या के बाद आरोपी उत्तर प्रदेश चला गया और फिर अहमदाबाद जाकर मजदूरी करने लगा. यहां उसने दूसरी शादी कर ली. तब पुलिस को समझ आया कि इसलिए पूछताछ में खुशी ने अपनी मां का नाम अलग (आरोपी की पहली पत्नी का नाम) और कन्हैया ने अपनी मां का नाम अलग (आरोपी की दूसरी पत्नी का नाम) बताया था.
शादी के बाद आरोपी उदय ने अपने छोटे बेटे कन्हैया को भी मारने की प्लानिंग की और इसी प्लानिंग के तहत ही उसने कन्हैया को हाइवे पर फेंका था. जो घायल अवस्था में पुलिस को मिला. पुलिस ने इस मामले में आरोपी की दूसरी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया है. क्योंकि दोनों ने मिलकर कन्हैया को मारने की कोशिश की थी. फिलहाल पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
वहीं दूसरी तरफ, दोनों बच्चे नडियाद के बाल अनाथालय में एक साथ रहकर खुश है. कन्हैया की काउंसलिंग शुरू कर दी गई है.
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