गुजरात के मोरबी जिले में महिला व्यवसायी पर आरोप लगा है कि उसने अपने दलित कर्मचारी से मारपीट (Dalit Atrocity) की. उसे मुंह में अपनी चप्पलें रखने के लिए मजबूर किया और मुंह में चप्पल रखकर माफी मांगने के लिए कहा. दलित कर्मचारी ने उससे अपनी बकाया सैलरी मांगी थी. लेकिन महिला व्यसायी ने बाकी कर्मचारियों के साथ मिलकर उल्टे उसकी पिटाई करवा दी.
गुजरात: दलित शख्स ने मांगी सैलरी तो मालकिन ने पिटवाया, मुंह में रखवाई चप्पल!
आरोप है कि गुजरात के मोरबी जिले में एक दलित व्यक्ति ने सैलरी क्या मांगी, महिला व्यवसायी ने उसे मुंह में अपनी चप्पलें रखने को मजबूर किया. यही नहीं, बाकी कर्मचारियों के साथ मिलकर दलित कर्मचारी से बुरी तरह मारपीट की.
इंडिया टुडे से जुड़े राजेश अंबालिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, युवक का नाम नीलेश किशोरभाई दलसानिया है. उसने महिला व्यवसायी विभूति पटेल और कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. नीलेश ने मोरबी सिटी ए डिवीजन पुलिस स्टेशन में शिकायत लिखवाई है.
इसमें उसने बताया कि वो रनीबा इंडस्ट्रीज के एक्सपोर्ट विभाग में मार्केटिंग का काम करता था. वो अपने बड़े भाई मेहुल और पड़ोसी भावेश मकवाना के साथ रनीबा इंडस्ट्रीज के ऑफिस में अपनी 16 दिन की बकाया सैलरी मांगने गया था. उसने अक्टूबर में अपने काम के दिनों की सैलरी मांगी. इस पर खुद को विभूति का भाई बताने वाले ओम पटेल ने नीलेश के साथ मारपीट की.
इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में बताया गया कि ऑफिस के मैनेजर परीक्षित पटेल ने भी नीलेश को मारा-पीटा. वे कथित तौर पर उसे खींचते हुए एलिवेटर से छत पर ले गए. यहां उन्होंने बेल्ट से उसकी पिटाई की. उसे लातों और मुक्कों से भी मारा. नीलेश ने बताया कि विभूति ने जबरदस्ती उसके मुंह में अपनी चप्पल रखकर, माफी मांगने के लिए कहा. नीलेश ने विभूति पटेल उर्फ रानीबा, ओम पटेल, परीक्षित, डीडी रबारी और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.
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नीलेश ने ये भी बताया कि आरोपियों ने उसे डराया-धमकाया भी. उसे पुलिस में शिकायत नहीं करने की धमकी दी. उससे कहा कि अगर वो शिकायत करेगा तो वो उसे जान से मार डालेंगे. पुलिस ने इस मामले में SC/ST उत्पीड़न कानून के तहत शिकायत दर्ज की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नीलेश ने 2 अक्टूबर को रनीबा इंडस्ट्रीज में नौकरी करना शुरू किया था. उसे हर महीने 12,000 रुपये सैलरी देने की बात की गई थी. हालांकि, 18 अक्टूबर को उसे नौकरी से निकाल दिया गया. वो इसी दौरान काम करने की सैलरी मांगने गया था.
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