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नोएडा में चल रही थी ड्रग्स फैक्ट्री, दिल्ली पुलिस ने छापा मारा, करोड़ों के ड्रग्स के साथ चार विदेशी अरेस्ट

पुलिस ने ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाला 20 किलो रॉ मटेरियल भी बरामद किया है. इस मामले में चार अफ्रीकन मूल के नागरिकों को गिरफ़्तार किया गया है. कैसे बन रहे थे ड्रग्स? पढ़िए....

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चार में से तीन आरोपी पहले भी ड्रग्स के मामले में 10-10 साल की सजा पा चुके हैं. (फ़ोटो/आजतक)

ग्रेटर नोएडा में दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) की एंटी नारकोटिक्स सेल ने एक ड्रग्स फैक्‍ट्री पर छापा मारा है. फैक्ट्री में करोड़ों के ड्रग्स मिले हैं. इनके नाम हैं मेथमफेटामाइन (Methamphetamine Drug) और एंफेटामाइन (Amphetamine  Drug). पुलिस ने ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाला 20 किलो रॉ मटेरियल भी बरामद किया है. इस मामले में चार अफ्रीकन मूल के नागरिकों को गिरफ़्तार किया गया है. इनमें से तीन आरोपी पहले भी ड्रग्स के मामले में 10-10 साल की सजा पा चुके हैं.

आजतक से जुड़े हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक़ ड्रग्‍स बनाने की फैक्‍ट्री में द्वारका जिला पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल को 445 ग्राम मेथमफेटामाइन ड्रग्स मिली है. इन सभी ड्रग्स का इस्तेमाल रेव पार्टीज़ में किया जाता है. डीसीपी द्वारका अंकित ने आजतक को बताया कि उनके जिले की एंटी नारकोटिक्स सेल को जानकारी मिली थी. कि एक अफ्रीकन मूल का नागरिक ड्रग्स की तस्करी का काम कर रहा है. टीम बनाई गई, जांच हुई तो पुलिस ने उचेका नाम के एक अफ्रीकी नागरिक को गिरफ़्तार किया. उसके पास ड्रग्स मिले. पूछताछ हुई तो पता चला कि ड्रग्स मामले में उसे पहले भी सजा मिल चुकी है. वह बेल पर बाहर था.

पुलिस ने बाद में आसपास के CCTV फुटेज चेक किए, तो 3 और अफ्रीकी नागरिक उचेका के साथ नज़र आए. जांच में पता चला कि वो लोग ग्रेटर नोएडा में ड्रग्स बनाने की एक फैक्ट्री चलाते हैं. फैक्ट्री के लैब में रॉ मटेरियल से ड्रग्स बनाए जाते थे. फैक्ट्री में पुलिस को ड्रग्स बनाने के इक्विपमेंट, हीटिंग मशीन और फेस मास्क भी मिले. साथ ही एक किलो स्यूडोएफ़ेड्रिन (Pseudoephedrine) केमिकल भी मिला है.

पुलिस के मुताबिक़ अब तक की जांच से पता चला है कि चारों आरोपी दिल्ली और आसपास के इलाकों में ड्रग्स सप्लाई करते थे.

नोट: 

मेथमफेटामाइन ड्रग: 

ये एक शक्तिशाली और उत्तेजक नशीला पदार्थ है. इसका सेवन करने से आदमी का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है. ये मस्तिष्क में डोपामाइन की मात्रा बढ़ाता है. डोपामाइन मस्तिष्क में मौजूद एक हार्मोन है, इसकी मात्रा बढ़ने से इंसान के शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ता है. इंसान खुश रहता है. लाइट महसूस करता है. कुछ समय के लिए टेंशन भूल जाता है. 

एम्फ़ैटेमिन: 
यह एक केमिकल कम्पाउंड है. ये भी नर्वस सिस्टम पर असर करता है. ये ड्रग्स लेने से व्यक्ति के मुंह में किसी भी तरह की स्मैल नहीं आती है. एंफेटामाइन ड्रग्स का एक दो बार सेवन करने से ही कई लोग ड्रग एडिक्‍ट हो जाते हैं. 

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