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'यार जिंदगी में एक बार गोवा जाना है!' का सपना जेल भी पहुंचा सकता है, CM ने क्या कह दिया?

बस एक गलती और समंदर की लहरें नहीं जेल की दीवारें दिखेंगी.

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रील्स के जरिए गोवा को बदनाम करने वाले पर्यटकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. (फ़ोटो/आजतक/Unsplash.com)

यार, जिंदगी में एक बार, बस एक बार गोवा जरूर जाना है!

ये कहने वाले ज्यादातर लोग कभी गोवा नहीं जाते. हो सकता है आप भी उनमें से एक हों. लेकिन अगर कभी सच में गोवा जाना हुआ तो एक गलती मत कर देना. वहां के बारे में कोई नेगेटिव रील मत बना देना. वर्ना बाबू जेल हो जाएगी जेल. ये हम नहीं कह रहे. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने यहां आकर रील बनाने वालों के लिए ऐसा कहा है. सबके लिए नहीं, केवल उनके लिए जो गोवा के बारे में नेगेटिव बातें फैलाते हैं.

तो खबर ये है कि गोवा में रील्स बनाने पर आपको जेल हो सकती है या फिर साइबर क्राइम ब्रांच वाले आपको पकड़ कर ले जा सकते हैं. दरअसल गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 1 अगस्त को विधानसभा में कहा कि जो पर्यटक गोवा आते हैं और सोशल मीडिया के जरिए गोवा को बदनाम करते हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी.

आजतक से जुड़े रितेश देसाई की रिपोर्ट के मुताबिक गोवा के एक विधायक कृष्णा दाजी सालकर के सवाल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने ये बात कही है. सालकर ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि इंस्टाग्राम पर गोवा आने वाले कुछ लोग अपनी चीज़ों से राज्य और "धार्मिक आस्था" को बदनाम करते हैं. उन्होंने दावा किया कि इनमें से कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने राज्य के बारे में गलत जानकारी भी फैलाई है.

साल्कर ने ऐसे इंस्टाग्राम अकाउंट्स को ब्लॉक करने की मांग करते हुए कहा, 

"हम पर्यटकों का स्वागत करते हैं, लेकिन हम राज्य को बदनाम नहीं होने दे सकते."

रिपोर्ट के मुताबिक सालकर को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि कई पर्यटक गोवा आते हैं और रील बनाने के नाम पर गोवा को बदनाम करते हैं. इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोवा का नाम खराब होता है. ऐसी रील्स के जरिए गोवा को बदनाम करने वाले पर्यटकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, 

“गोवा पुलिस के साइबर सेल को रील्स मामले को देखने के लिए कहा जाएगा. साइबर सेल गोवा से जुड़े वायरल वीडियोज़ पर खास नजर रखेगी. जैसे ही पुलिस को ऐसी रील्स के बारे में पता चलेगा तो तुरंत ही अकाउंट्स को ब्लॉक किया जाएगा.”

मुख्यमंत्री सावंत ने सदन को आश्वासन दिया कि वो इस मामले को गंभीरता से देखेंगे.

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