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इजरायल के खिलाफ नारा बना 'All Eyes on Rafah', दुनियाभर की हस्तियों ने फिलिस्तीन के लिए उठाई आवाज

‘ऑल आइज़ ऑन रफ़ाह’ के जरिए दुनियाभर के लोग गाज़ा में रहने वाले फिलिस्तीनियों के समर्थन में उतर कर आए हैं.

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रफ़ाह शहर पर हुए हवाई हमले में कम से कम 45 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. (फोटो- रॉयटर्स)

गाज़ा का रफ़ाह शहर. यहां इज़रायल ने फिलिस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया. हमले में कम से कम 45 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. और कई लोग घायल हो गए. इसके बाद से दुनियाभर में इजरायल के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है. सोशल मीडिया पर 'All Eyes On Rafah' ट्रेंड करने लगा. इसके जरिए आम लोगों से लेकर चर्चित हस्तियां तक गाज़ा में रहने वाले फिलिस्तीनियों के समर्थन में उतरकर आए हैं.

कई बड़ी-बड़ी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर गाज़ा के समर्थन पर पोस्ट किया है. ब्रिटिश सिंगर, सॉन्ग राइटर और एक्ट्रेस Leigh-Anne ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें नारे की तरह लिखा था,

"All Eyes On Rafah."

ब्रिटिश एक्टर मॉडल एमी जैक्सन, जो साउथ मूवीज़ और हिंदी मूवीज़ में काम करती हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें लिखा था,

"निर्दोष लोगों के नरसंहार के बीच विशेषाधिकारों के साथ जीना एक कड़वा विरोधाभास है. एक मां होने के नाते, रफ़ाह में 600,000 लोगों, जिनमें ज़्यादातर अनाथ बच्चे हैं, उनका दर्द और पीड़ा, डरावना और अकल्पनीय है. हमारा समाज अपनी नैतिक चेतना खो चुका है. फिल्म फेस्टिवल्स और मीडिया आउटलेट नरसंहार के खिलाफ आक्रोश को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. ये दिखाता है कि हमारी दुनिया में कितना अन्याय है. हम युद्धविराम की मांग करते हैं. चुप न रहें. हमारी सरकारों को फिलिस्तीनी लोगों के टॉर्चर से ध्यान हटाने न दें. निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या का कोई जस्टिफिकेशन नहीं है."

वहीं पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान ने लिखा,

"लोगों को ज़िंदा जला दिया!!! वो अपने तंबुओं में सो रहे थे. जो एक तरह से सुरक्षित थे. शरणार्थियों पर बार-बार बमबारी. हम किस नरक की दुनिया में रह रहे हैं. ये कौन लोग हैं जो जले हुए सिर कटे बच्चों को देख सकते हैं और और उन्हें बुरा तक नहीं लगता. सत्ता की भूखी दुनिया ने मानवता को निराश कर दिया."

पाकिस्तानी एक्ट्रेस युमना जैदी ने भी "All Eyes On Rafah" वाली फ़ोटो शेयर की.

UNICEF की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर कैथरीन रसेल ने X पर लिखा,

"रफ़ाह में बमबारी वाले टेंटों से जले हुए बच्चों और परिवारों की तस्वीरें हम सभी को झकझोर रही हैं. टेंटों में हुई बच्चों की हत्या गलत है. 7 महीनों से अधिक समय से, हमने इस त्रासदी को होते देखा है. इसमें अबतक हज़ारों बच्चे मारे गए या घायल हुए हैं." 

आलोचना के बाद भी इजरायल का अभियान जारी

रफाह पर ये हमला तब हुआ, जब 24 मई को ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने इजरायल को आदेश दिया था कि वो रफाह में अपने सैन्य ऑपरेशन को बंद करे. एक अनुमान के मुताबिक, रफाह में करीब 10 लाख फिलिस्तीनी शरण लिए हुए हैं. ICJ ने कहा था कि मानवीय सहायता के लिए मिस्र के साथ लगने वाली सीमाओं को खोला जाए. ये भी कहा गया था कि इजरायल एक महीने के भीतर रिपोर्ट जमा करे कि उसने आज के फैसले पर क्या कदम उठाए हैं.

रफाह पर हमले को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ‘दुखद घटना’ बताया और कहा कि इजरायल से 'गलती' हुई. उन्होंने कहा कि इजरायल की कोशिश होती है कि नागरिकों को नुकसान ना पहुंचे. हालांकि इस घटना की जांच की जा रही है.

लेकिन अफसोस जताने के साथ इजरायल रफाह में सैन्य अभियान भी जारी रखे हुए है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली टैंकों ने रफाह के अल अवदा को कब्जे में ले लिया है. ये रफाह के बीचो-बीच स्थित है. इधर, 28 मई को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है.

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