इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की है (Giorgia Meloni meets Volodymyr Zelenskyy). इस दौरान मेलोनी ने जेलेंस्की को यूक्रेन के लिए अटूट समर्थन का वादा किया है. इनमें रूस के साथ युद्ध ख़त्म करना और यूक्रेन में पुनर्निर्माण की कोशिशों में मदद करना शामिल है. मेलोनी ने ये भी कहा कि इस वॉर को ख़त्म करने में भारत की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. इसी के साथ मेलोनी ने चीन का भी नाम लिया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध भारत रुकवा सकता है... वोलोदिमिर जेलेंस्की से मिलकर बोलीं जॉर्जिया मेलोनी
Russia Ukraine War को लेकर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) से बात की. उन्हें अपना अटूट समर्थन देने का वादा किया. मेलोनी ने भारत को लेकर भी बड़ी बात कही है.
ये मुलाक़ात इटली के ही लेक कोमो में सालाना TEHA बिज़नेस फोरम के अवसर पर हुई. इस दौरान मेलोनी ने मंच से कहा कि इटली यूक्रेन को अपना समर्थन देने से कभी पीछे नहीं हटेगा. उनका मानना है कि ये फै़सला न केवल नैतिक रूप से सही है, बल्कि राष्ट्रीय हित में भी है. क्योंकि इसका मकसद देशों की राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए बनाए गए नियमों की रक्षा करना है.
रॉयटर्स की ख़बर के मुताबिक़, मेलोनी ने ये भी कहा कि भारत और चीन में रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजने की क्षमता है. मेलोनी ने कहा,
एकमात्र चीज़ जो नहीं हो सकती, वो ये सोचना है कि यूक्रेन को छोड़ कर संघर्ष को हल किया जा सकता है. यानी यूक्रेन को इस युद्ध में उसके हाल पर अकेला नहीं छोड़ा जा सकता.
'युद्ध का नतीजा पहले ही तय हो चुका है', जॉर्जिया मेलोनी ने इस विचार को रूसी दुष्प्रचार बताया है. उनका मानना है कि पश्चिमी समर्थन के कारण अंततः शांति वार्ता की संभावना बनी है. बता दें, इटली अगले साल यूक्रेन के पुनर्निमाण पर सम्मेलन की मेजबानी की तैयारी कर रहा है.
इससे पहले, जेलेंस्की ने भी 6 सितंबर को फोरम में अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि रूस के साथ भविष्य में किसी भी वार्ता के लिए मजबूत स्थिति में रहने के लिए यूक्रेन को अपने सहयोगियों के पूर्ण समर्थन की ज़रूरत होगी.
7 सितंबर को X पर एक पोस्ट में जेलेंस्की ने बताया कि उन्होंने जॉर्जिया मेलोनी के साथ अपनी शांति योजनाओं पर चर्चा की और यूक्रेन की एनर्जी सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी पुनर्निर्माण रणनीति पर भी चर्चा की.
ये भी पढ़ें - वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शांति वार्ता का ऑफर तो दिया, लेकिन भारत से एक 'बड़ी चीज' भी मांग ली
इससे पहले, NATO के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने भी 6 सितंबर को चीन से यूक्रेन में रूस के युद्ध का समर्थन बंद करने की मांग की. उन्होंने कहा कि युद्ध को जारी रखने में बीजिंग की मदद एक महत्वपूर्ण कारक रही है. दूसरी तरफ़, चीन ने पहले नाटो द्वारा दिए गए इस तरह के बयानों को दुर्भावनापूर्ण और पक्षपातपूर्ण बताया.
वीडियो: Russia Ukraine War के बाद पहली बार मिले पीएम मोदी और जेलेंस्की ने रूस पर क्या कहा?