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कुत्ते के काटने से बच्चे की मौत का मामला, FIR हो गई, कुत्ता पालने वाली फैमिली ने क्या झूठ बोला था?

गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में हुई थी घटना. पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर कुत्ते पालने वाली फैमिली इतना बड़ा झूठ न बोलती तो साबेज आज जिंदा होता!

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चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है

कुछ रोज पहले एक तस्वीर आपने देखी होगी, हमने भी देखी, अंदर तक जख्म दे गई. एक बच्चा अपने पिता की गोद में तड़प रहा है, कहीं कोई इलाज नहीं क्योंकि बीमारी ही ऐसी थी, आखिर में पिता की गोद में ही उसने दम तोड़ दिया. ये लाइन लिखते हुए हाथ कांप से रहे हैं, मन व्यथित है, लेकिन लिखनी तो पड़ेगी क्योंकि चिंता है और बच्चों की, लिखेंगे नहीं तो फिर कुछ बदलेगा नहीं, एक्शन नहीं होगा. हालांकि, जिस बच्चे की हम बात कर रहे हैं उसके मामले में एक्शन हुआ है. गाजियाबाद पुलिस ने कुत्ते के काटने से हुई 14 साल के बच्चे की मौत के मामले में FIR दर्ज कर ली है. पुलिस ने कुत्ता पालने वाली महिला सुनीता और उसकी फैमिली के खिलाफ लापरवाही से मौत होने का मामला दर्ज किया है. कुल चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है जिसमें से एक आरोपी कुत्तों से जुड़ी एक संस्था में काम करता है.

बच्चे के दादा ने क्या बताया?

इस मामले में मृतक बच्चे के दादा मतलूब अहमद ने विजय नगर थाने में आईपीसी की धारा 289 (किसी जानवर को लेकर लापरवाही बरतना) और 304-ए (लापरवाही के चलते किसी की मौत हो जाना) के तहत मामला दर्ज कराया है. मतलूब अहमद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुनीता ने करीब 6-7 कुत्ते पाल रखे हैं. इन कुत्तों को किसी प्रकार का टीका नहीं लगवाया गया है. खाना नहीं मिलने के कारण ये कुत्ते आए दिन बच्चों को काटते रहते हैं. शिकायत करने पर ये लोग खुद को किसी संस्था से बताकर लोगों को धमकाते हैं. मतलूब अहमद के मुताबिक एक महीने पहले उनके पोते साबेज को कुत्ते ने काट लिया था. इस पर मोहल्ले के लोगों ने सुनीता से शिकायत भी की, तब सुनीता ने कहा कि चिंता न करें, क्योंकि कुत्तों को टीके लगवा दिए थे. उनके मुताबिक इस वजह से वो लोग बेफिक्र हो गए.

बच्चे को रेबीज़ कैसे हो गया?

आजतक के मयंक गौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक घटना गाजियाबाद के विजय नगर थाना क्षेत्र के चरण सिंह कालोनी की है. यहां रहने वाले याकूब के बड़े बेटे साबेज को करीब एक महीने पहले एक कुत्ते ने काट लिया था. बताया जा रहा है कि चरण सिंह कॉलोनी में ही रहने वाली एक महिला के कुत्ते ने साबेज को काटा था. साबेज ने डर के कारण घर में किसी को इस बारे में बताया नहीं था. कुछ दिन पहले बच्चे को हवा और पानी से डर लगने लगा. वो अंधेरे में रहना पसंद करने लगा था और तेज़ आवाज़ निकालने लगा.

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घरवाले बच्चे को डॉक्टर के पास ले गए. पता चला कि बच्चे को रेबीज़ हो गया है. परिवार के मुताबिक वो बच्चे को इलाज के लिए कई अस्पतालों में लेकर गए. गाजियाबाद जिला अस्पताल और मेरठ के हॉस्पिटल ले गए. दिल्ली के GTB और एम्स भी लेकर गए. सभी जगह इसका इलाज न होने की बात कही गई. रिपोर्ट के मुताबिक 4 सितंबर को बच्चे की मौत हो गई. पिता की गोद में तड़पते-तड़पते साबेज की मौत हो गई. इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में बिलखते पिता की गोद में बच्चा भी रो रहा है, चीख रहा है. इसके बाद पीड़ित परिवार ने मांग की थी कि प्रशासन को इस मामले में जरूरी कदम उठाने चाहिए, ताकि जो उनके बच्चे के साथ हुआ, वो किसी और के साथ न हो.

रेबीज़ से कैसे बचा जा सकता है?

रेबीज़ एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर करती है. यह बीमार जानवरों से इंसानों में होती है. यह रेबीज़ वायरस की वजह से होती है. रेबीज़ के ज्यादातर मामले  बीमार कुत्ते के काटने से होते हैं. मगर किसी भी बीमार जानवर के काटने, खरोंचने, सहलाने या उनके मल-मूत्र के संपर्क में आने से भी रेबीज हो सकती है. भारत में बंदर, घोड़े,  जंगली चूहे, चमगादड़, गधे, लोमड़ी, नेवला आदि से भी रेबीज़ होने के मामले देखे गए हैं.

इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और यह 100% फेटल है. इसका मतलब है कि रेबीज़ होने पर मरीज की मौत हो जाती है. रेबीज़ से सिर्फ बचाव किया जा सकता है. इसकी वैक्सीन आती है. अगर आपको कुत्ता काट ले, तो तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए. ये वैक्सीन जीरो दिन मतलब जिस दिन जानवर ने काटा है, इसके बाद तीसरे दिन, फिर 7वें दिन, 14वें दिन और 28वें दिन लगाई जाती है.

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