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गौतम गंभीर का राजनीति से रिटायरमेंट, क्रिकेट में करेंगे 'फुल' वापसी, आगे का प्लान बताया

Gautam Gambhir Quit Politics: क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर अब राजनीत‍ि नहीं करेंगे. इसे लेकर ही उन्होंने PM नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अम‍ित शाह से अनुरोध किया है.

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गौतम गंभीर (फाइल फोटो- आजतक)

लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने राजनीति (Politics) छोड़ने की इच्छा जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इस बात की जानकारी दी है. गौतम गंभीर ने BJP से रिक्वेस्ट की है कि उन्हें उनकी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए. फिलहाल गौतम गंभीर ईस्ट दिल्ली सीट से लोकसभा सांसद हैं. गंभीर ने अचानक पॉलिटिक्स छोड़ने का प्लान क्यों बनाया? इस बात की जानकारी भी उन्होंने पोस्ट में दी है (Gautam Gambhir Quit Politics). 

2 मार्च की सुबह को गौतम गंभीर ने X पर अपने एक पोस्ट में लिखा,

मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष JP नड्डा से अनुरोध किया है कि वो मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं क्रिकेट के काम पर ध्यान दे सकूं. मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी और गृह मंत्री को दिल से धन्यवाद देता हूं. जय हिंद!

फिलहाल गौतम गंभीर IPL में शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के साथ बतौर मेंटर काम कर रहे हैं. पिछले साल उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स टीम को गाइड किया था. कोलकाता की टीम से गौतम गंभीर का पुराना नाता है. वो कई सालों तक KKR टीम के साथ बतौर कप्तान खेले थे. उनकी कप्तानी में टीम साल 2014 और 2016 में IPL ट्रॉफी भी जीती. IPL के बाद गौतम फिर से क्रिकेट कमेंट्री करते हुए दिख सकते हैं.

बता दें, गौतम गंभीर को अकसर इस बात को लेकर घेरा जाता ही कि वो सांसद होने के बावजूद IPL या क्रिकेट कमेंट्री में हिस्सा लेते हैं. इस पर गौतम गंभीर ने जन रसोई अभियान का जिक्र करते हुए बताया था कि वो उसका सारा पैसा अपनी जेब से देते हैं ना कि सरकारी फंड से. बोले थे,

एक महीने में 5 हजार लोगों को खाना खिलाने के 25 लाख रुपये लगते हैं. साल के हिसाब से 2.75 करोड़ रुपये हो गए. 25 लाख रुपये लगे लाइब्रेरी बनाने में. इसके लिए काम करना पड़ता है. मुझे ये कहने में कोई शर्म नहीं है कि मैं कमेंट्री करता हूं या IPL में काम करता हूं. उसके पीछे एक बहुत बड़ा मकसद है.

दिल्ली में टिकट पर BJP की मीटिंग

29 फरवरी को दिल्ली में BJP मुख्यालय में एक बैठक हुई थी. इसमें दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, संगठन मंत्री पवन राणा, दिल्ली BJP प्रभारी बेजयंत पांडा और सह प्रभारी अलका गुज्जर भी शामिल हुईं. खबर है कि बैठक में दिल्ली के सातों सांसदों के नाम को लेकर चर्चा हुई, लेकिन कोई भी नाम फाइनल नहीं हो पाया. नामों पर फिर से बैठक हो सकती है.

आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव बाद से दिल्ली की सातों सीटों पर BJP ने लगातार जीत दर्ज की है. 2019 में BJP ने सातों लोकसभा सीट जीती थीं. सात में से पांच तो वही नाम थे जो 2014 चुनाव में जीते थे. 2019 में ही BJP ने पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर को अपना उम्मीदवार बनाया था. साथ ही नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से सिंगर हंसराज हंस को उतारा गया था.

AAP ने उतार दिए कैंडिडेट

2024 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की चार लोकसभा सीटों पर तो अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. नई दिल्ली से सोमनाथ भारती, दक्षिणी दिल्ली से सही राम पहलवान, पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार और पश्चिमी दिल्ली से महाबल मिश्रा को मौका दिया गया है. दिल्ली में AAP का कांग्रेस के साथ गठबंधन है इसलिए बाकी तीन सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी.

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वीडियो: गौतम गंभीर से 9 साल पहले हुई लड़ाई पर मनोज तिवारी ने क्या कह दिया?