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अडानी की मुश्किल अभी और बढ़ेगी? बांग्लादेश और श्रीलंका में भी पावर प्रोजेक्ट्स पर खतरे की तलवार!

Adani Group पर लगे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अब पड़ोसी देशों में अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स जांच के दायरे में आ गए हैं. Bangladesh और Srilanka में Gautam Adani की कंपनी के अलग-अलग प्रोजेक्टस पर अब खतरा मंडरा रहा है.

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बांग्लादेश और श्रीलंका में अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स सवालों के घेरे में है. (Reuters)

अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी ग्रुप (Adani Group) पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देकर फंड्स और इन्वेस्टमेंट जुटाने का आरोप लगाया था. इन आरोपों के बाद अब भारत के पड़ोसी देशों में चल रहे अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. बांग्लादेश ने अडानी पावर ट्रेडिंग समझौते सहित प्रमुख बिजली उत्पादन अनुबंधों की समीक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित लीगल और इंवेस्टिगेटिव फर्म को नियुक्त किया है. वहीं श्रीलंका की कैबिनेट वहां चल रहे अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स पर अंतिम फैसला करेगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के बाद इन्हें रद्द किया जा सकता है. या इन पर फिर से बातचीत शुरू हो सकती है. वहीं बांग्लादेश सरकार ने एक बयान में बताया, 

बिजली, ऊर्जा और खनिज मंत्रालय से जुड़ी राष्ट्रीय समीक्षा समिति ने 24 नवंबर को अंतरिम सरकार को 2009 से 2014 के बीच शेख हसीना के निरंकुश शासन के दौरान मिले प्रमुख बिजली उत्पादन अनुबंधों की समीक्षा के लिए एक लीगल और इंवेस्टिगेटिव फर्म नियुक्त करने को कहा है.

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने बताया कि वह कई अनुबंधों की विस्तार से जांच कर रही है. इनमें अडानी (गोड्डा) BIFPCL 1234.4 मेगावाट, पायरा (1320 मेगावाट कोयला), मेघनाघाट (335 मेगावाट दोहरी ईंधन) और मेघनाघाट (584 मेगावाट गैस/RLNG) पावर प्लांट शामिल हैं.

बांग्लादेश के अलावा श्रीलंका में भी अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स पर खतरा मंडरा रहा है. हालांकि अनुरा कुमारा दिसानायके की नेतृत्व वाली नई सरकार ने अडानी ग्रीन सहित ग्रुप के दूसरे प्रोजेक्ट्स पर अभी अतिम निर्णय नहीं लिया है. श्रीलंकाई दैनिक दि संडे मॉर्निंग से बात करते हुए सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (CEB) के प्रवक्ता इंजीनियर धनुष्का पराक्रमसिंघे ने बताया,

 मामले की समीक्षा की जा रही है. लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. पवन उर्जा परियोजना से संबंधित प्रस्ताव आगे आने वाले हफ्तों में विचार-विमर्श के लिए मंत्रिमंडल को सौंप दिया जाएगा. और अंतिम निर्णय लेने से पहले मंत्रिमंडल अडानी पवन ऊर्जा परियोजना से जुड़े सभी डिटेल्स की समीक्षा करेगा.

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कुछ दिन पहले अनुरा कुमारा दिसानायके की नेतृत्व वाली सरकार ने देश के सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह पवन ऊर्जा परियोजना के लिए अडानी समूह को पिछली सरकार द्वारा दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार करेगी.

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