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G20 के मेहमान: हिटलर और कार्ल मार्क्स के देश जर्मनी की पूरी कहानी

अतीत की गलतियों से सीखकर जर्मनी आगे बढ़ा है. आज राज्य और केंद्र के बीच शक्तियों के बंटवारे के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक माना जाता है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ के मुलाकात की एक तस्वीर. फाइल फोटो- इंडिया टुडे

भारत में 09 और 10 सितंबर को G20 Leaders Summit होने वाला है. भारत सरकार ने इस इवेंट के लिए 990 करोड़ रूपये का बजट बनाया है. G20 में शामिल होने वाले देश विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी की हिस्सेदारी रखते हैं. दुनिया भर की दो तिहाई आबादी इनके पास है. इसके अलावा वैश्विक व्यापार में 75 प्रतिशत से भी अधिक दखल रखते हैं ये देश. दी लल्लनटॉप की इस सीरीज में हम G20 के सदस्य देशों के बारे में आपको तसल्ली से सब कुछ बताएंगे. आज बात जर्मनी की.

बीथोवेन, कार्ल मार्क्स, नीत्चा और मैक्स मूलर इसी देश के थे. जर्मनी ने भी 1 दिसंबर 2016 को G20 की अध्यक्षता संभाली थी, जो एक साल चली.

नक्शेबाजी

जर्मनी के उत्तर में पड़ता है, उत्तरी सागर, डेनमार्क और बाल्टिक सागर. और पश्चिम में ये फ्रांस, लग्जमबर्ग, बेल्जियम और नीदरलैंड से घिरा हुआ है. इसके अलावा जर्मनी के पूरब में पड़ता है पोलैंड और चेक गणराज्य. इसके अलावा जर्मनी दक्षिण में ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड से घिरा है.  

जर्मनी का नक्शा- फोटो: गूगल मैप्स

जर्मनी की राजधानी है बर्लिन. कुल जनसंख्या है, 8 करोड़ 36 लाख. हमारे उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से भी लगभग 11 करोड़ कम. इसके अलावा जर्मनी में ज्यादातर जर्मन भाषा बोली जाती है. जर्मनी से भारत की दूरी है, 5,777 किलोमीटर. 

जर्मनी का उत्तरी भाग समतल है, जबकि दक्षिणी हिस्सा पहाड़ों से पटा पड़ा है. जर्मनी, यूरोप की सबसे बड़ी इकोनॉमी है, और यूरोपीयन यूनियन का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है. यह यूरोप का सातवां सबसे बड़ा और दुनिया का 63वां सबसे बड़ा देश है.

पैसे की बात

जर्मनी की करेंसी का नाम यूरो है.

पूरे यूरोप में भारत का सबसे ज्यादा ट्रेड होता है जर्मनी से. ये देश लगातार भारत के टॉप-10 ट्रेड पार्टनर्स में से एक रहा है. भारत और जर्मनी के बीच साल 2022-23 का व्यापारिक लेखा-जोखा इस तरह रहा -

कुल व्यापार हुआ 27 हजार करोड़ का

भारत ने जर्मनी को 13 हजार 291 करोड़ रुपए का सामान बेचा. 
जबकि भारत ने जर्मनी से 13 हजार 774 करोड़ का सामान ख़रीदा.  

यानी, आयात, निर्यात से चार सौ तिरासी करोड़ ज्यादा रहा. खर्चा-पानी वाली भाषा में समझाएं तो इसे कहते हैं ट्रेड डेफिसिट, यानी व्यापार में नुकसान.

भारत क्या मंगाता है जर्मनी से?
- डाटा प्रोसेसिंग वाली मशीनें 
-ऑटो मशीनरी 
- कैमिकल्स

भारत क्या निर्यात करता है जर्मनी को?
-इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स 
- ऑटोमोबाइल्स/ ऑटो प्रॉडक्ट्स 
- टेक्सटाइल्स और गारमेंट्स 
- दवाइयां

हिस्ट्री का किस्सा 

साल 1871 में ऑटो वॉन बिस्मार्क ने प्रशिया के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण किया. इसके बाद प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की हार हुई. साल 1919 में वर्साय की संधि हुई. जिसमें जर्मनी ने अपने उपनिवेश और जमीन दोनों ही पड़ोसी देशों के हाथों खो दी. साल 1923 में नाजी पार्टी ने एक म्युनिक में तख़्तापलट किया. साल 1933 में हिटलर चांसलर बन गया. लेकिन साल 1939 में पोलैंड पर कब्जे के बाद से द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हो गयी. और हिटलर ने यहूदियों, विकलांगों और धार्मिक विरोधियों को गैस चैंबर्स में डालकर मौत के घाट उतार दिया. कुल जमा 15 लाख लोगों की हत्या की गई थी. लेकिन साल 1945 में जर्मनी हार गया और हिटलर ने सुसाइड कर लिया. वेस्ट और ईस्ट जर्मनी का विभाजन हुआ. लेकिन साल 1973 में ईस्ट और वेस्ट जर्मनी दोनों ने ही यूएन जॉइन कर लिया. साल 2005 में एंजेला मर्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनीं. सितंबर 2021 के चुनावों के बाद से ओलाफ शोल्त्स जर्मनी के चांसलर हैं.

हिटलर-Getty Image 

सांस्कृतिक रिश्ते

-दिसंबर 2022 के आंकड़ों के अनुसार, जर्मनी में 2 करोड़ 20 लाख लोगों के पास भारतीय पासपोर्ट है. ये भारतीय मूल के लोग हैं. प्रवासी भारतीय वहां आईटी, बैंकिंग, स्टूडेंट्स और बिजनेस में काम करते हैं. जर्मनी में भारत के 43000 छात्र पढाई कर रहे हैं.

- बर्लिन के बीचों-बीच 10 बाई 6 मीटर के सांची स्तूप का लोकार्पण बीते साल नवंबर में हुआ था.

- साल 1791 में कालिदास के शाकुंतलम का जर्मन भाषा में अनुवाद हुआ था. यूरोप में गीता का पहला अनुवाद जर्मनी में जर्मन भाषा में ही हुआ था.

- मैक्स मूलर इंडो-यूरोपीय भाषाओं का अनुवाद करने वाले पहले विद्वान थे. उन्होंने कई उपनिषद और ऋग्वेद का वहां प्रकाशन किया.

-रवींद्रनाथ टैगोर की 1921, 1926 और 1930 की यात्रा ने भारत और जर्मनी के वैचारिक रिश्तों में ब्रिज का काम किया.

सामरिक रिश्ते

-जर्मनी और भारत जी4 के ढांचे के भीतर यूएनएससी में सुधारों पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं.
-भारत हथियारों की खरीद के लिए रूस के अलावा और विकल्प तलाश रहा है. वहीं जर्मनी भी अपनी हथियार निर्यात नीति पर पुनर्विचार कर रहा है. ऐसे में जर्मनी भारत के लिए डिफेन्स सेक्टर के लिहाज से पक्का वाला दोस्त बन सकता है.
-साल 2011 से, जर्मनी और भारत में बारी-बारी से हर दो साल में द्विपक्षीय सम्मेलन आयोजित किया जाता रहा है. बहुत लम्बे समय तक सिर्फ इण्डिया ही एशिया से आने वाला इकलौता देश था.
-भारत, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी को राजनयिक मान्यता देने वाले सबसे पहले देशों में से एक है.

कैसा है जर्मनी का पॉलिटिकल सिस्टम

जर्मनी एक संघीय गणतंत्र है, जिसका मतलब हुआ कि वहां एक केंद्र सरकार है और 16 राज्यों की अपनी सरकारें हैं. संघीय सरकार (केंद्र सरकार) विदेश नीति, रक्षा और फाइनेंस जैसे मामलों के लिए जिम्मेदार है, जबकि राज्य सरकारें शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन जैसे मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. वहां की संसद को बुंडेस्टाग कहा जाता है.

जर्मनी के राज्य का प्रमुख राष्ट्रपति होता है, जिसे हर पांच साल में चुना जाता है. राष्ट्रपति की भूमिका काफी हद तक औपचारिक होती है, लेकिन वे संसद द्वारा पारित कानूनों को वीटो कर सकते हैं और चांसलर (सरकार का प्रमुख) को नियुक्त कर सकते हैं.

जर्मनी की सरकार का मुखिया चांसलर होता है, जिसे बुंडेस्टाग द्वारा चुना जाता है. चांसलर उस पार्टी या पार्टियों के गठबंधन का नेता होता है जिसके पास बुंडेस्टाग में सबसे अधिक सीटें होती हैं. चांसलर मंत्रियों की नियुक्ति करता है और संघीय सरकार बनाने के लिए जिम्मेदार है.

बुंडेस्टाग संघीय संसद का निचला सदन है. यहां हर चार साल में चुनाव होते हैं. बुंडेसराट संघीय संसद का ऊपरी सदन है. इसमें 16 राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हैं. बुंडेसटाग द्वारा पारित कानूनों को बुंडेसराट वीटो कर सकता है, लेकिन इस वीटो को बुंडेस्टाग में दो-तिहाई बहुमत से खारिज भी किया जा सकता है.

जर्मनी में भी भारत की तरह ही एक संविधान है, जिसे सर्वोपरि माना जाता है. इस वक्त जर्मनी के राष्ट्रपति हैं, फ्रैंक वॉल्टर स्टेनमेर और चांसलर हैं ओलाफ शोल्त्स.

सरकार की कमान

ओलाफ शोल्त्स जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं. ये 148 साल पुरानी पार्टी है. वो 2002 में जर्मनी की संघीय संसद बुंडेस्टाग के सदस्य बने. उन्होंने साल 2021 में जर्मनी का आम चुनाव जीता. इससे पहले वो तीन साल तक चांसलर एंजेला मर्केल के डिप्टी रहे थे. उनका कार्यकाल कुछ विवादों में भी रहा है, मेयर रहते हुए एक लोकल बैंक को यूरो टैक्स फ्रॉड से बचाने का आरोप है. हालांकि वो इसे लगातार खारिज़ करते रहे हैं. अगले चुनाव अब 2025 में हैं. ओलाफ के शासन में ही जर्मनी ने यूक्रेन के दस लाख से भी ज्यादा रिफ्यूजियों को शरण दी. इसी साल ओलाफ ने दो दिवसीय भारत यात्रा की थी.

ओलाफ स्कोल्ज- इंडिया टुडे

फुटनोट्स 

-जर्मनी विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
-वाइनस्टेफेन, जो बियर बनाने की सबसे पुरानी फैक्ट्री है, वो जर्मनी में है. ये फैक्ट्री 1040 ईस्वी से बियर बना रही है.  
- दुनिया की पहली ट्रैफिक लाइट 1924 में बर्लिन में लगाई गई थी.
- जर्मन लोग सॉसेज के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते हैं. जर्मनी में 1,500 से ज्यादा अलग-अलग तरह के सॉसेज मिलते हैं.

वीडियो: तारीख़: जब कोल्ड वॉर के दौरान ईस्ट जर्मनी की 'स्टासी' ने लोगों का जीना हराम कर दिया था