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G20 Summit: सुरक्षा के तगड़े इंतजाम, CIA, MI6 आ रहे, तैयारी जान बुद्धि हिल जाएगी!

G-20 के मेहमानों की सिक्योरिटी के लिए देश ने ऐसी तैयारियां की हैं, जैसी सुनी नहीं होंगी...

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देश की राजधानी दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. (फोटो: PTI)

भारत की मेजबानी में 9-10 सितंबर को दुनिया भर के नेता G-20 समिट (G20 Summit) के मंच पर इकट्ठा होने वाले हैं. देश की राजधानी दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. सुरक्षा के इंतजाम भी पुख्ता कर लिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक लगभग डेढ़ लाख सुरक्षाकर्मी दिल्ली की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं. दिल्ली पुलिस, एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के कमांडोज, नेशनल सेक्यूरिटी गार्ड (NSG), सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान सुरक्षा में जुटे हैं.

सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के जवान जगह-जगह गश्त कर रहे हैं. यमुना नदी में दिल्ली पुलिस ने नाव से गश्त किया. वहीं राजघाट इलाके में पुलिस ट्रैक्टर की मदद से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेती दिखी.

सुरक्षा में कहीं कोई कमी ना रहे, इसलिए होटल के रास्ते और प्रगति मैदान सहित सभी जगहों को अलग-अलग वेन्यू के तौर पर निर्धारित किया गया है. आजतक के हिमांशु मिश्रा और अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक हर वेन्यू का एक कमांडर निश्चित किया गया है. ये कमांडर विदेशी मेहमानों के सुरक्षाकर्मियों से सीधे संपर्क में रहेंगे.  

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक G20 समिट में सुरक्षा के इंतजाम में भारतीय एजेंसियों के अलावा विदेशी इंटेलिजेंस एजेंसियों की टीमें भी हैं. अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA), ब्रिटेन की मिलिट्री इंटेलिजेंस सेक्शन 6 (MI6)  और चीन की इंटेलिजेंस टीमें भी दिल्ली में हैं. दिल्ली के जिन होटलों में G20 सदस्य देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रुकेंगे, उन होटलों की सुरक्षा के साथ-साथ कार्यक्रम स्थल तक आने-जाने वाले सभी रास्तों की जानकारी इन देशों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ शेयर की गई हैं.  

होटलों में सुरक्षा के खास इंतजाम

जिन होटलों में विदेशी मेहमानों को ठहराया गया है. वहां पर भी सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. होटलों के CCTV कैमरे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि संदिग्धों की तुरंत पहचान हो सके.

जो स्टाफ मेहमानों की देखभाल करेंगे, उनका कई बार वेरिफिकेशन किया गया है. जिन होटलों में VVIP मेहमानों को रखा गया है, वहां हर फ्लोर के लिए अलग स्टाफ है. स्टाफ को जो कार्ड दिए गए हैं, वो G-20 के लिए खासतौर पर बनाए गए हैं. कोई भी स्टाफ अपनी मर्जी से न तो घूम पाएगा और न ही एक से दूसरे फ्लोर पर जा पाएगा.

होटलों में हथियार जमा किए गए हैं. सुरक्षाकर्मी जिन हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी गोलियां जमा करके रखी गई हैं. इसके अलावा स्मोक ग्रेनेड सहित वायरलेस सेट बंद न हों, इसलिए उनके चार्जर जैसी चीजों का स्टॉक रखा गया है. DCP रैंक के अधिकारी की देखरेख में हथियारों की क्वॉलिटी बार-बार चेक की जा रही है. होटलों में हथियारों का इंतजाम इसलिए किया गया है ताकि किसी भी तरह की हमले की स्थिति में सुरक्षाकर्मियों को हथियार की सप्लाई में कोई कमी ना हो.

इमरजेंसी के लिए दवा और मेडिकल सप्लाई का स्टॉक रखा गया है. जिन होटलों में विदेशी मेहमानों को ठहराया गया है, वहां साइबर एक्सपर्ट की टीम ने नज़र रखी है, ताकि साइबर अटैक के खतरे से निपटा जा सके. मेहमानों को कार्यक्रम स्थल ले जाने और वहां से लाने के लिए बुलेट फ्रूफ गाड़ियों की व्यवस्था की गई है.

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वेन्यू पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं

वेन्यू पर सिक्योरिटी कंट्रोल रूम सेट अप किया गया है. आयोजन स्थलों को फुलप्रूफ बनाने के लिए सुरक्षा बल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉड्यूल का इस्तेमाल कर रहे हैं.  

सुरक्षाकर्मियों को फर्स्ट एड और किसी भी तरह की इमरजेंसी से निपटने की ट्रेनिंग दी गई है. कार्यक्रम स्थलों पर PCR वैन्स तैनात किए जाएंगे.

सुरक्षा एजेंसियां हवाई खतरों को भी लेकर सतर्क हैं. दिल्ली में प्रगति मैदान से लेकर के प्रधानमंत्री निवास के एरिया तक को नो-फ्लाइंग जोन में डाला गया है. एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि संभावित ड्रोन खतरे से सुरक्षा के लिए काउंटर-ड्रोन सिस्टम तैनात किया गया है. इसमें दूरी से ड्रोन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता है. DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन), भारतीय सेना और दूसरी एजेंसियां हवाई खतरों से निपटने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. माने एकदम फूलप्रूफ व्यवस्था है. 

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