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केंद्र की दूसरी योजनाओं में खर्च हुआ पेंशन योजना का फंड, CAG की रिपोर्ट में अब क्या सामने आया?

CAG ने वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच योजना के डेटा की ऑडिट रिपोर्ट 8 अगस्त को लोकसभा में पेश की थी.

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CAG की रिपोर्ट में बताया गया कि मंत्रालय ने पेंशन योजना से जुड़े लगभग 2 करोड़ 83 लाख रुपये अन्य योजनाओं के प्रचार में खर्च कर दिए. (फोटो- PTI/आजतक)

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) से जुड़े CAG के खुलासे के बाद एक और खुलासा सामने आया है. CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपनी पेंशन योजनाओं का फंड अन्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार में लगा दिया.

CAG की रिपोर्ट में बताया गया कि मंत्रालय ने पेंशन योजना से जुड़े लगभग 2 करोड़ 83 लाख रुपये अन्य योजनाओं के प्रचार में खर्च कर दिए. CAG ने नेशनल सोशल असिस्टेंट प्रोग्राम (NSAP) की ऑडिट रिपोर्ट में ये जानकारी दी है. उसने वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच योजना के डेटा की ऑडिट रिपोर्ट 8 अगस्त को लोकसभा में पेश की थी.

39 लाख 15 हजार रुपये प्रचार में लगाए गए

NSAP के तहत सरकार तीन पेंशन योजनाएं चलाती है. इसमें से एक बुजुर्ग नागरिकों से जुड़ी है. दूसरी विक्लांग जनों से और तीसरी विधवाओं के लिए है. इसके अलावा योजना के तहत बुजुर्गों को खाद्य सुरक्षा भी प्रदान की जाती है. CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया,

“किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को कुल आवंटित राशि में से तीन प्रतिशत फंड प्रशासनिक खर्चे के लिए दिया जाता है.”

ऑडिट के दौरान CAG ने पाया कि केंद्रीय मंत्रालय, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने योजना के तहत आवंटित फंड में ‘हेराफेरी’ की है. रिपोर्ट में बताया गया कि जून 2017 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 39 लाख 15 हजार रुपये के फंड को मंत्रालय की बाकी योजनाओं के प्रचार अभियान में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी, जबकि ये पैसा पेंशन योजना के लिए था.

2 करोड़ 44 लाख रुपये होर्डिंग्स में लगे

रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि अगस्त 2017 में 19 राज्यों के हर जिले में पांच होर्डिंग्स के माध्यम से ‘ग्राम समृद्धि, स्वच्छ भारत पखवाड़ा’ के प्रचार के लिए मंत्रालय ने 2 करोड़ 44 लाख रुपये इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी.

CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रचार के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ एडवरटाइजिंग (DAVP) को जो नोटिस जारी किया गया था, उसमें NSAP के तहत किसी भी योजना का जिक्र नहीं किया गया था. बल्कि ये प्रचार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के लिए किए गए थे.

रिपोर्ट में ये भी खुलासा किया गया कि DAVP को मंत्रालय की तरफ से प्रचार के लिए नोटिस जारी कर बताया गया था. लेकिन मंत्रालय ने काम पूरा होने की जानकारी लिए बिना ही DAVP को राशि का भुगतान कर दिया.

CAG ने इस मामले को ग्रामीण विकास मंत्रालय के समक्ष भी उठाया. ऑडिटर को दिए जवाब में मंत्रालय ने कहा कि ये मामला उसके सूचना, शिक्षा और संचार विभाग के समक्ष उठाया गया है.

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