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पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का एम्स में निधन

तीन दिन पहले लालू की पार्टी छोड़ी थी.

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रघुवंश प्रसाद सिंह ने अभी हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफ़ा दिया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हो गया. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. रघुवंश प्रसाद सिंह एम्स के आईसीयू वार्ड में थे भर्ती. दो दिन पहले उनकी हालत बिगड़ गई थी. बताया जा रहा है कि सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रघुवंश प्रसाद कुछ दिनों पहले कोविड-19 पॉज़िटिव पाए गए थे. तब अस्पताल में भर्ती किए गए थे. ठीक होने के बाद वापस घर आ गए थे, लेकिन फिर से तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया. तब से वहीं उनका इलाज चल रहा है. रघुवंश प्रसाद के निधन पर लालू यादव ने शोक जताया है उन्होंने ट्वीट किया,

'प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है. लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं. दुःखी हूं. बहुत याद आएंगे.'

वहां आरजेडी के ट्विटर हैंडल से लिखा गया 10 सितंबर को पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था. एम्स से ही उन्होंने रांची एम्स में भर्ती RJD चीफ लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखकर इस्तीफा दिया था.  उन्हें लालू यादव के सबसे करीबी माना जाना था. रघुवंस ने अपने  पत्र में लिखा था,
”जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं. पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने बड़ा स्नेह दिया, लेकिन मुझे क्षमा करें.”
हालांकि इस लेटर के बाद लालू प्रसाद यादव  रघुवंश को चिट्ठी लिखी,
‘राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है. चार दशकों में हमने हर राजनीतिक सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में भी मिल बैठकर ही विचार किया है. आप जरूर स्वस्थ हों फिर बैठ के बात करेंगे. आप कहीं नहीं जा रहे हैं! समझ लीजिए.
  रघुवंश प्रसाद बीते कुछ समय से पार्टी से नाराज़ चल रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, वैशाली के पूर्व लोजपा सांसद रामा सिंह के पार्टी में आने का वो विरोध कर रहे थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के टिकट पर वैशाली से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में रघुवंश हार गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में भी रघुवंश प्रसाद ने लालू यादव को पत्र लिखा था और पार्टी के कामकाज को लेकर असंतुष्टि जाहिर की थी. जानकार बताते हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह पुराने तौर-तरीके से चलने वाले नेता रहे. जबकि तेजस्वी यादव किसी भी तरह चुनाव जीतना चाहते हैं. इसी के चलते रघुवंश और तेजस्वी में मतभेद रहे.
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