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इमरान खान को 10 साल की जेल, रैली में कौनसा पन्ना लहराया था जो ये हाल हो गया?

8 फरवरी से पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ (PTI) ये चुनाव लड़ रही है. कड़ी कार्रवाई के बीच और बिना चुनाव चिह्न के. ऐसे समय में ये फ़ैसला आना पार्टी और इमरान के लिए बड़ा झटका है.

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इमरान ख़ान को तोशख़ाना केस में भी तीन साल की जेल हुई थी.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी को 10 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है. पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने 30 जनवरी को इमरान खान के खिलाफ ये फैसला सुनाया है.

कुछ ही दिनों में (8 फरवरी से) पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ (PTI) ये चुनाव लड़ रही है. कड़ी कार्रवाई के बीच और बिना चुनाव चिह्न के. ऐसे समय में ये फ़ैसला आना पार्टी और इमरान के लिए बड़ा झटका है.

किस मामले में फंसे हैं इमरान खान?

27 मार्च, 2022. संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही थी. इमरान खान लगातार पॉपुलर हो रहे थे. उनकी रैलियों में ख़ूब भीड़ जुटती थी. इस्लामाबाद में ऐसी ही एक बहुत बड़ी रैली थी. इमरान मंच पर बोल रहे थे. यकायक जेब से एक पन्ना निकाला. हवा में पन्ना लहराते हुए दावा किया कि उन्हें पद से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय साज़िश रची गई और ये पन्ना ही साज़िश का सबूत है.

इसके बाद 9 अप्रैल को इमरान की सरकार गिर गई. तो उन्होंने इस कथित सबूत के बारे में और जानकारी दी. तब से वो लगातार दावा कर रहे हैं कि उनके ख़िलाफ़ अविश्वास मत के पीछे अमेरिका का हाथ था. 

इसके जवाब में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेतृत्व वाली सरकार ने इमरान पर एक गुप्त दस्तावेज़ को उजागर करने के आरोप लगाए. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी के भी आरोप हैं कि उन्होंने वो राजनयिक दस्तावेज़ कभी वापस नहीं किया. डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, तत्कालीन आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि दस्तावेज़ के ‘दुरुपयोग’ की वजह से पाकिस्तान के विदेशी संबंधों को नुक़सान पहुंचा है.

क्या था इस दस्तावेज़ में?

PTI लंबे समय से कहती रही है कि दस्तावेज़ में इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए अमेरिका की ओर से धमकी दी गई थी. दरअसल 7 मार्च, 2022 को अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों और तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत असद मज़ीद खान के बीच एक बैठक हुई थी. इस दस्तावेज़ में इसी मीटिंग का ब्योरा था.

पूरा ब्योरा तो पब्लिक डोमेन में नहीं आया. आ भी नहीं सकता, क्योंकि ये पाकिस्तान के आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (1923) के तहत संरक्षित है. लेकिन अगस्त 2023 में अमेरिकी न्यूज़ संगठन द इंटरसेप्ट ने पाकिस्तानी सेना के एक स्रोत का हवाले से दस्तावेज़ का एक हिस्सा छाप दिया.

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क्या निकल कर आया? मालूम हुआ कि बैठक में अमेरिकी अफ़सरों ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर इमरान ने चुप्पी साधी थी. फिर जंग शुरू होने के तीन दिन के अंदर इमरान रूस के दौरे पर भी गए थे. अमेरिकियों को ये रास न आया. असद मजीद ने मीटिंग का ब्योरा एक केबल के ज़रिए इस्लामाबाद भेजा. उस पर ‘सीक्रेट’ का ठप्पा लगा था.

इसी मीटिंग के ठीक एक दिन बाद इमरान के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने अविश्वास मत की दिशा में पहल की. हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने कई मौक़ों पर साफ़ कहा है कि इमरान को हटाने में उनका कोई हाथ नहीं है.

इमरान खान अभी कहां हैं?

बीते साल, अगस्त में  पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने देश के गुप्त क़ानूनों का उल्लंघन करने के लिए इमरान खान और महमूद क़ुरैशी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था. दोनों के ख़िलाफ़ दस गवाहों ने बयान दर्ज करवाए. दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने इसी केस में इमरान और क़ुरैशी को गिरफ़्तारी के बाद ज़मानत को मंज़ूरी दे दी थी.

इमरान तो तोशखाना केस में बंद रहे. उन्हें तीन साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी और अगस्त महीने में ही उन्हें जेल में डाल दिया गया था. जेल काटने के लिए उन्हें अटक ज़िला जेल में रखा गया था. बाद में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनकी सज़ा निलंबित कर दी थी. लेकिन उन्हें फिर साइफ़र मामले में गिरफ़्तार कर लिया गया और अभी न्यायिक रिमांड में रखा गया है.

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वहीं, क़ुरैशी की रिहाई में भी देरी हुई, क्योंकि उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया गया और मई में एक दूसरे मामले में उन्हें फिर से गिरफ़्तार कर लिया गया.