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माफी मांग लेने से भी नहीं बचेंगी तृप्ता त्यागी, NCPCR ने कार्रवाई का आदेश दिया

आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी ने सफाई में क्या कहा?

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मुजफ्फनगर के वायरल वीडियो पर NCPCR ने कार्रवाई करने के आदेश दिए है (तस्वीर-इंडिया टुडे)

मुजफ्फरनगर के वायरल वीडियो पर आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी ने सफाई दी है. तृप्ता ने सफाई में कहा कि वो विकलांग हैं इसलिए बच्चों से पिटाई करने को कहा. तृप्ता पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने और बच्चों से एक मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मरवाने का आरोप है. वायरल वीडियो में तृप्ता कहती हैं,

“मैंने तो डिक्लेयर कर दिया, जितने भी मुस्लिम बच्चे हैं, इनको मारते चले जाओ…” (इसके बाद की आवाज़ साफ़ नहीं है.)

उत्तर प्रदेश की इस घटना को अल्पसंख्यकों के प्रति दुर्भावना बढ़ाने वाला बताया गया था. सोशल मीडिया पर आरोपी टीचर की आलोचना हो रही थी. राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. ऐसे में पीड़ित बच्चे के पिता और आरोपी टीचर ने अपना पक्ष रखा है.

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी ने सफाई देते हुए कहा, 

“उसके पैरेंट का दबाव था कि इसे थोड़ा सख्ती से पढ़ा दो. मैं विकलांग हूं. मेरे से उठा नहीं गया. मैंने दो-चार बच्चों से कहा कि इसे लगा दो, तो ये काम करने लगेगा. उस समय उस बच्चे का एक चाचा बैठा था. वो मुझसे बात भी कर रहा था और वीडियो भी बना रहा था. उसमें (वीडियो में) मैंने एक लाइन कही थी. जितनी भी मुस्लिम माएं हैं, वो अपने बच्चों को मामाओं के यहां (ननिहाल) मत लेकर जाओ. एग्ज़ाम आने वाले हैं, बच्चा एग्ज़ाम नहीं दे पाता. हमारे स्कूल का नुकसान होता है पढ़ाई का. बस मैंने ये लाइन बोली थी. उन्होंने मेरे कहे का मुस्लिम शब्द तो रखा और सारा काट दिया. वीडियो वायरल होने की घटना साज़िश ही कही जाएगी. मैं तो अनभिज्ञ थी. मुझे कुछ पता ही नहीं चला, क्या हो रहा है. मुझे बाद में पता चला कि इस तरह से कोई वीडियो वायरल हो रहा है.”

तृप्ता ने आगे कहा कि वह बच्चों को अपने बच्चों की तरह मानती है. बच्चा अच्छी शिक्षा लेकर स्कूल से जाए बस यही चाहती हैं. उन्होंने बताया कि वह पांच साल से स्कूल चला रही है. हिंदू-मुस्लिम की कोई बात ही नहीं है. उन्होंने कहा,

“मैंने एक बच्चे को बाकी बच्चों से पिटवाया, ये मुझसे गलती हुई. इस चीज़ के लिए तो मैं हाथ जोड़कर माफी मांगती हूं.”  

NCPCR ने कार्रवाई का आदेश दिया

टीचर ने माफी तो मांग ली लेकिन उनके खिलाफ केस दर्ज हो चुका है. इधर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी घटना का संज्ञान लिया है. NCPCR ने मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को तृप्ता त्यागी के स्कूल (नेहा पब्लिक स्कूल) के खिलाफ FIR दर्ज करने और जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं. SSP को एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. इसके अलावा NCPCR ने मुजफ्फरनगर के जिला मजिस्ट्रेट (DM) को भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. 

RTE एक्ट, 2009 की धारा-17 (बच्चे को शारीरिक दंड/मानसिक उत्पीड़न) के तहत मामले में कार्रवाई की जाएगी और NCPCR को सूचित किया जाएगा. वायरल वीडियो का NCPCR ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा,

"मुजफ्फरनगर जिले में स्थित एक स्कूल में नाबालिग छात्र को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का शिकार होते देखा गया है. प्रथम दृष्टया लगता है कि मामला RTE-2009 की धारा 17 और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट-2015 की धारा 75 के उल्लंघन का है''

जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा- 75 के अनुसार, अगर किसी बच्चे की प्रताड़ना का काम किसी ऐसे व्यक्ति के द्वारा किया जाता है, जिस पर बच्चे की देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी हो, ऐसे मामले में उस व्यक्ति को पांच साल तक की जेल और पांच लाख का जुर्माना भी हो सकता है.  

आयोग ने आगे कहा कि पीड़ित बच्चे के साथ कक्षा के अन्य बच्चों को सुरक्षा की जरूरत है. इन बच्चों की बाल कल्याण समिति से काउंसलिंग कराई जाए और आवश्यक सुरक्षा भी प्रदान करवाई जाए.

पिता ने क्या बताया?

घटना के बारे में पीड़ित बच्चे के पिता का भी बयान आया है. उन्होंने ANI से बात करते हुए कहा,

“मेरा बच्चा 7 साल का है. ये घटना 24 तारीख की है. मैडम ने बच्चों से बच्चे को पिटवाया है. हमारा भतीजा किसी काम से गया था स्कूल में उसने वीडियो बना ली. कई दिन पहले मैंने कहा था कि मैडम इसे टाइट रखना. लेकिन मैडम ही मार सकती थी बच्चे को. 7 साल के बच्चे को एक घंटा-दो घंटा टॉर्चर करने के लिए नहीं कहा था. इससे बच्चे पर बहुत जोर पड़ा. बच्चा डरा हुआ है. ये घटना बहुत ज्यादा निंदनीय है. कल रात हमने कंप्लेंट करा दी है. मैं चाहता हूं कि अब जो कानूनी कार्रवाई बनती हो वो की जाए.”

पिता ने ये भी कहा कि इस घटना में हिंदू-मुस्लिम का कोई मामला नहीं है. माहौल ठीक है यहां का. गांव में भाईचारा है. उन्होंने आगे बताया कि तृप्ता त्यागी के पास वो इस घटना के सिलसिले में शिकायत लेकर भी गये थे तब त्यागी ने उनसे कहा कि यहां पर तो यही रूल है, ऐसे ही होता है यहां.

पूरे मामले पर मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा ने बताया कि पहले पीड़ित बच्चे के पिता शिकायत दर्ज कराने को लेकर राजी नहीं थे. लेकिन बाद में उन्होंने थाने में शिकायत दी, जो दर्ज कर ली गई. इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है. NCPCR के निर्देश पर अलग से भी कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा जिले की बाल कल्याण समिति के द्वारा बच्चे और उसके माता पिता की काउंसलिंग चल रही है.

(ये स्टोरी हमारे साथी अनुराग अनंत ने की है.)

वीडियो: मुज्जफरनगर के स्कूल के वायरल वीडियो के बाद मुस्लिम बच्चे की हालत और टीचर के दावों पर क्या बता गए पिता?