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FATF ने बिना नाम लिए PFI पर निशाना साधा, बताया कैसे फंडिग होती थी

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(FATF) ने ‘Crowdfunding for Terrorism Financing‘ नाम से जारी की एक रिपोर्ट. बताया कि एक हिंसक चरमपंथी संगठन ने पूरे देश में फैले एक सघन नेटवर्क के जरिए पैसे इकट्ठा किए.

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भारत सरकार ने PFI पर सितंबर 2022 में UAPA के तहत पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. (फोटो क्रेडिट - इंडिया टुडे)

आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) की हाल में एक रिपोर्ट आई है. इसमें कहा गया है कि भारत में एक चरमपंथी संगठन ने “सघन नेटवर्क” के तहत क्राउडफंडिंग से पैसे जमा किए. इसमें ये भी कहा गया कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही जरियों से पैसे इकट्ठे किए गए.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FATF ने अपनी 'क्राउडफंडिंग फॉर टेरर' नाम की रिपोर्ट में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम लिए बिना, उस पर निशाना साधा. रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय अधिकारियों ने अपनी जांच में पाया कि एक हिंसक चरमपंथी संगठन ने पूरे देश में फैले एक बेहतरीन नेटवर्क के जरिए पैसे इकट्ठा किए.

FATF की रिपोर्ट में एक हुई केस स्टडी में भारतीय अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि उन्होंने (PFI ने) मस्जिदों और सार्वजनिक स्थानों पर पैसे जोड़ने की अपील की. संगठन ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पैसे जोड़े. उन्होंने अपने बैंक खाते की जानकारी जारी की. साथ ही संगठन का क्यूआर कोड जारी कर दानदाताओं से चंदा इकट्ठा करने की अपील की. इसमें करीब 3000 बैंक खातों और इनफॉर्मल वैल्यू ट्रांसफर सिस्टम्स का इस्तेमाल किया गया.

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‘इकट्ठा किए पैसों से खरीदे हथियार’

FATF ने बताया कि इसके लिए घरेलू और विदेशी दोनों स्तरों पर लेनदेन हुआ. इसके चलते इस मामले की जांच करना बेहद मुश्किल हो गया. बाद में इन पैसों से हथियार और गोला-बारूद खरीदा गया. साथ ही इसका इस्तेमाल काडर को ट्रेनिंग देने के लिए भी किया गया. इस पैसे के एक हिस्से को व्यापार और रियल स्टेट के प्रोजेक्ट्स में भी लगाया गया, ताकी लगातार टेरर फाइनेंसिंग हो सके.

उम्मीद की जा रही है कि FATF नवंबर में भारत का ऑनसाइट एसेसमेंट भी करने वाली है. फिर इस पर जून 2024 में चर्चा होगी. कोविड-19 महामारी के चलते FATF की मूल्यांकन प्रक्रिया रुक गई थी.

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रिपोर्ट ने आगे ये भी बताया कि इस मामले में संगठन के 8 बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही संगठन की 3.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की मांग भी की जा रही है. FATF वैश्विक स्तर की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के लिए पैसे जोड़ने की निगरानी करने वाली संस्था है. PFI एक संगठन है, जिस पर भारत सरकार ने 28 सितंबर 2022 को UAPA के तहत पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.

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