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दिल्ली कूच को निकले किसानों को नोएडा बॉर्डर पर रोका गया, आखिर उनकी मांगें क्या हैं?

दिसंबर 2023 से किसान नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अधिकृत अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और जमीन देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है. सभी बॉर्डर को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है. (फोटो- ANI)

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के आसपास के गांवों से दिल्ली कूच को निकले हजारों किसानों को पुलिस ने रोक लिया है (Farmers stopped at Noida border). किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर जाम की स्थिति पैदा हो गई है. प्रशासन ने इलाके के कई रूट्स पर डायवर्जन का ऐलान किया है, साथ ही धारा 144 को भी लागू कर दिया गया है. 24 घंटे के लिए सभी बॉर्डर इलाकों को सील कर दिया गया है. किसान नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अधिकृत अपनी जमीनों के बदले बढ़े हुए मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसान संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नोएडा सेक्टर 24 स्थित NTPC के ऑफिस के बाहर एकत्रित हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 4 हजार किसान सेक्टर 5 स्थित हरोला कम्युनिटी सेंटर में एकत्रित हो सकते हैं. किसानों का प्लान वहां से संदीप पेपर मिल तक रैली निकालने का है.

क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?

किसानों की मांग मुआवजे को लेकर है. दिसंबर 2023 से किसान नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अधिकृत अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और जमीन देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक किसान संगठनों ने अपनी मांग को लेकर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के लिए 7 फरवरी को ‘किसान महापंचायत’ बुलाई थी. इसके बाद 8 फरवरी को राजधानी दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया गया था.

किसानों का कहना है कि नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. किसान सभा के जिला अध्यक्ष रुपेश वर्मा ने आजतक को बताया कि गौतम बुद्ध नगर में तीनों प्राधिकरणों में किसानों की परेशानी के मुद्दे एक जैसे हैं. किसान 10 पर्सेंट आबादी भूखंड और अधिग्रहित भूमि के लिए बढ़े हुए मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

किसानों का दावा है कि उन्होंने अथॉरिटी को जो जमीन विकास कार्यों के लिए दी थी, उसके बदले उन्हें मौजूदा नियम के तहत आबादी भूखंड के रूप में दी गई जमीन का केवल 6 फीसदी ही मिला है. जबकि किसान 10 फीसदी की मांग कर रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सुखबीर खलीफा नाम के किसान ने बताया कि किसानों की एक मांग बच्चों को नौकरी दिए जाने की भी है. सुखबीर का कहना है कि जिन किसानों की जमीन ली गई है उनके बच्चों को नौकरियां दी जानी चाहिए. इसके साथ ही किसान स्कूल और अस्पताल बनाए जाने की बात भी कर रहे हैं.

किसानों के प्रदर्शन को लेकर गौतमबुद्ध नगर के ACP लॉ एंड ऑर्डर शिवहरि मीना ने आजतक को बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है. सभी बॉर्डर को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है. किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात है. ACP ने बताया कि पुलिस-प्रशासन किसानों से लगातार बातचीत भी कर रहा है.

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