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किसान आंदोलन के कारण चलती कार से बहस कर रहे थे सुप्रीम कोर्ट के वकील, जज ने कहा- 'चलो माफ किया'

Farmers Protest: Supreme Court बार एसोसिएशन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश DY Chandrachud को पत्र लिखकर किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है.

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जस्टिस ओका ने वकील को चलती कार से पेश होने पर टोका था. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे/कर्नाटक न्यायपालिका)

किसानों का जत्था दिल्ली की ओर कूच कर गया है (Delhi Chalo March). इस दौरान दिल्ली बॉर्डर के आसपास किसानों (Farmers Protest) को रोकने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं. कई जगहों से ट्रैफिक जाम की खबरें आ रही हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के भी जाम में फंसने की खबर आई. जाम में फंसे होने के कारण वकील को चलती कार से ही बहस करनी पड़ी. इसपर कोर्ट ने जो जवाब दिया वो दिलचस्प है.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, वकील साहब सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन माध्यम से पेश हो रहे थे. बहस के दौरान जस्टिस ओका ने कहा कि उन्हें वकीलों के वर्चुअली पेश होने से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन इस तरह चलती कार में नहीं.

इस पर एडवोकेट ने कहा कि वो किसान आंदोलन के कारण फंस गए हैं. जिसपर कोर्ट का जवाब था कि फिर तो इस बात के लिए हम आपको माफ कर देंगे.

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इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वकीलों और किसान आंदोलन से जुड़ी एक और खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल होने वाले किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की है.

अग्रवाल ने 2021 और 2022 के किसानों के विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली बॉर्डर कई महीनों तक बाधित रहीं. इससे आम लोगों को कठिनाई हुई थी. उन्होंने कहा है कि भले ही किसानों की मांगें जायज हों, लेकिन उन्हें आम जनता को कठिनाई में डालने का अधिकार नहीं है.

इस बीच दिल्ली के लिए निकले किसान पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए हैं. अब ये दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि दिल्ली पुलिस ने राजधानी की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी हैं. 

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