किसानों का जत्था (Farmers Protest) लगातार दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश में लगा है. दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों और आंदोलनकारियों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. इस बीच 14 फरवरी की सुबह सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर पुलिस ने लाउडस्पीकर पर किसानों को रोकने की घोषणा की. कहा गया कि किसान अगर बैरिकेड तोड़कर आगे जाने की कोशिश करेंगे तो पहले उनके ऊपर गैस चलाए जाएंगे. उसके बाद किसानों पर लाठीचार्ज किया जाएगा.
Farmers Protest: किसानों को लाठी और मिर्च से रोकने की तैयारी, दिल्ली पुलिस ने लाउडस्पीकर पर और क्या कहा?
Delhi Chalo March: सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने लाउडस्पीकर पर घोषणा की है. कहा है कि पुलिस किसानों को खदेड़ने की तैयारी में है.
इंडिया टुडे इनपुट्स के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि किसानों के ऊपर मिर्च का भी प्रयोग किया जाएगा. पुलिस की ओर से लाउडस्पीकर पर कहा गया कि किसान अगर एग्रेसिव होंगे तो हम भी डिफेंसिव नहीं रहेंगे. अगर डिफेंसिव रहें तो घायल हो जाएंगे. कहा गया,
"वो (किसान) जिस जोश के साथ आ रहे हैं. उससे डबल जोश के साथ हमें तैयार रहना है. तभी हम उनको रोक पाएंगे. वो आगे आने की कोशिश करेंगे. लेकिन हमें उन्हें खदेड़ना है. हमारा उद्देश्य उनको दिल्ली जाने से रोकना है ताकि दिल्ली में अराजकता ना फैले."
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शंभू बॉर्डर पर लगभग 2500 ट्रैक्टर ट्रॉलियां पहुंची हुई हैं. जिनमें से 800 ट्रॉलियों में खाने-पीने का सामान और ईंधन की लकड़ी आदि रखी हुई है.
किसानों के दिल्ली कूच के दूसरे दिन भी ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से बंद होने के कारण गाजीपुर बॉर्डर पर ट्रैफिक जाम हो गया है. वहीं गाजीपुर फ्लाईओवर पर करीब हर लेन मे पुलिस मौजूद है. इसका सीधा असर दिल्ली की तरफ जाने वाले रास्ते पर पड़ रहा है.
दिल्ली पुलिस ने टिकरी बॉर्डर की तरफ जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया है. 1 किलोमीटर पहले ही रास्ते को पूरी तरीके से सील कर दिया गया है. किसी भी गाड़ी को टिकरी बॉर्डर की तरफ जाने की इजाजत नहीं है.
अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा सहित हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था. अब इसे अगले दो दिनों के लिए 15 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. यहां 22 में से 15 जिलों में धारा 144 लगी हुई है. वहीं दिल्ली में भी धारा 144 लगी हुई है.
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