पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में किसानों के दिल्ली कूच के विरोध में मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. इस दौरान केंद्र ने हाईकोर्ट को बताया कि हम एमएसपी के मुद्दे पर किसानों के साथ चर्चा करना चाहते हैं.
किसान आंदोलन मामले पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट इस मामले पर गुरुवार को अगली सुनवाई करेगा. इस दौरान दिल्ली सरकार भी अपना पक्ष रखेगी.
हरियाणा सरकार के वकील का कहना है कि राज्य में धारा 144 तब से लागू है, जब आखिरी विरोध प्रदर्शन हुआ था. तब कुछ आपराधिक वारदात हुई थी इसलिए हम कानून और व्यवस्था की आशंका वाली स्थिति से बचने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं.
कोर्ट ने कहा कि ये कहना बहुत आसान है कि उनके पास अधिकार हैं लेकिन सड़कों पर लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य को भी कदम उठाना होगा. उनके भी अधिकार हैं.
हाईकोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार में संतुलन होना चाहिए. कोई भी अधिकार अलग नहीं है. सावधानी और एहतियात को ध्यान में रखा जाना चाहिए. किसी भी मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए. बल का उपयोग अंतिम उपाय होगा.
केंद्र ने कहा कि जहां तक एमएसएपी का सवाल है. हम किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं. हम चंडीगढ़ में मीटिंग करने को तैयार हैं.
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