The Lallantop

Farmers Protest: किसान आंदोलन पर क्या बोली सरकार? ट्रैफिक जाम से बचने का तरीका मिल गया

Delhi Chalo March को ध्यान में रखते हुए दिल्ली से सटे 5 रास्तों को सील कर दिया गया है. कृषि मंत्री Arjun Munda और सूचना एवं प्रसारण मंत्री Anurag Thakur ने किसानों को लेकर क्या कहा है?

post-main-image
किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए. (तस्वीर साभार: PTI)
author-image
अरविंद ओझा

किसान आंदोलन (Farmers Protest) को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. किसानों और पुलिसवालों के बीच झड़प की भी खबरें आईं. 13 फरवरी (Delhi Chalo March) को पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. ड्रोन से भी आंसू गैस के गोले गिराए गए. दिल्ली बॉर्डर वाले इलाकों में अफरातफरी मची रही. पथराव भी हुआ. किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान पुलिस की तरफ से रबड़ की गोलियां चलाने की भी खबरें आईं. 

इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के अनुसार, अर्धसैनिक बल के जवान किसानों को चेतावनी दे रहे हैं कि वो हरियाणा की सीमा में दाखिल न हों. दूसरी तरफ किसान अड़े हुए हैं कि वो हर हाल में दिल्ली में प्रवेश करना चाहते हैं. किसान 14 फरवरी की सुबह 9 बजे फिर से आगे बढ़ने का प्रयास कर सकते हैं.

किसानों की भारी भीड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने 5 प्रमुख रास्तों को सील कर दिया है. ये रास्ते हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सटे हुए हैं. सिंघु, टिकरी और झारोदा में हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमाएं सील कर दी गई हैं. वहीं उत्तर प्रदेश से सटे चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है. इन जगहों पर दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स, लोहे की कीलें और कंक्रीट के बैरिकेड लगाए हैं.

दिल्ली बॉर्डर से सटे 5 रास्तों को सील कर दिया गया है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

ये भी पढ़ें: जगह-जगह जाम, पुलिस की तैनाती, कंटीले तार, तस्वीरों में देखिए दिल्ली का हाल

ट्रैफिक से कैसे बचें?

दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने लोनी, औचंदी, जोंती, पियाउ मनियारी और सफियाबाद के ट्रांजिट पॉइंट्स से होते हुए दिल्ली से बाहर जाने की सलाह दी है. ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में किसी भी संकट की स्थिति में यात्रियों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर (1095, 9971009001 और 9643322904) जारी किया है.

नेताओं ने क्या कहा?

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से बातचीत के लिए आगे आने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि दो दौर की चर्चा की गई है. चंडीगढ़ में भी चर्चा हुई थी. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं पर बात करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार पैनल बनाने को तैयार है.

इससे पहले किसान संगठनों और सरकार के बीच चंडीगढ़ में हुई बातचीत बेनतीजा रही. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने 13 फरवरी को न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि सरकार चर्चा करना चाहती है, लेकिन प्रदर्शनकारी बातचीत से उठकर चले गए. उन्होंने कहा कि सरकार अभी भी चर्चा के लिए तैयार है.

वहीं चंडीगढ़ में हुई बैठक से निकलने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा था कि सराकर के पास किसानों के लिए कुछ भी नया नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास पुराने प्रस्ताव ही हैं, वो किसानों का समय बर्बाद करना चाहते हैं.

किसानों की मांग है कि उन्हें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. इसके अलावा कुछ और मांगे भी हैं. किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, किसाने के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने, विश्व व्यापार संगठन से वापसी, पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: किसानों ने चढ़ाए ट्रैक्टर, बॉर्डर पर क्या हुआ?