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चंडीगढ़-अंबाला हाईवे से बैरिकेड्स भी हट रहे और किसान बॉर्डर पर संख्या भी बढ़ा रहे, माजरा क्या है?

Haryana Govt की तरफ से Ambala Chandigarh Highway से बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं. वहीं Farmers Union की तरफ से पंजाब-हरियाणा सीमा पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने का एलान किया गया है.

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किसान आंदोलन की बीच चंडीगढ़-अंबाला हाईवे से बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं (PTI)

किसान आंदोलन (Farmers Protest) को शुरू हुए लगभग एक महीने का समय होने जा रहा है, लेकिन अभी तक कुछ समाधान नहीं निकल सका है. शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी है. किसान यूनियन (Farmers Union) की तरफ से पंजाब-हरियाणा सीमा पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने का एलान किया है. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे (Ambala Chandigarh Highway) से बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं.

प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने 6 मार्च को दिल्ली कूच का एलान किया है. जबकि 10 मार्च को पूरे देश में किसान चार घंटे 'रेल रोको' आंदोलन करेंगे. वहीं, 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत होगी. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा,

“हम पंजाब और हरियाणा के किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर रहेंगे. हम अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे. हमने दिल्ली की ओर मार्च करने का अपना फैसला नहीं बदला है. हम तब तक इंतजार करेंगे जब तक सरकार सड़कें फिर से नहीं खोल देती.”

पंढेर ने आगे कहा,

“हमने दिल्ली चलो मार्च वापस नहीं लिया है. हम हाईवे से बैरिकेडिंग हटने तक इंतजार करेंगे. हमने अन्य राज्यों के किसानों से 6 मार्च को रेलवे, बस या किसी अन्य वाहन का उपयोग करके दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए कहा है.”

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संख्या बढ़ाएंगे किसान

इस बीच, किसानों ने डबवाली-बठिंडा सीमा पर अपनी संख्या मजबूत करने का भी फैसला किया है. किसान मजदूर मोर्चा के रमनदीप सिंह मान ने घोषणा की है कि वो पंजाब और हरियाणा सीमा के साथ-साथ और अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इंडिया टुडे से जुड़े मनजीत सहगल की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम हो गई है, लेकिन सड़कों पर अभी भी सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां मौजूद हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारी अपने घरों को लौट गए हैं और उनकी जगह उनके ही पड़ोसियों ने ली है.

चंडीगढ़-अंबाला हाईवे से हटे बैरिकेड्स

इस बीच अंबाला और चंडीगढ़ नेशनल हाइवे के बीच लगाए गए बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं. किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का एलान किया था. जिसके बादे प्रशासन ने 12 फरवरी को ही अंबाला चंडीगढ़ एक्सप्रेसवे को बोल्डर्स के जरिए पूरी तरह से बंद कर दिया था. ऐसे में लोगों को गांव के रास्तों से घूमकर चंडीगढ़ आना जाना पड़ रहा था.

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