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सीमेंट के बड़े बैरिकेड, धारा-144, दिल्ली पुलिस ने इस बार किसानों को रोकने के 'भारी' इंतजाम किए हैं

Farmer protest: MSP के लिए कानूनी गारंटी सहित कई मुद्दों को लेकर एक बार फिर किसान Delhi कूच कर रहे हैं. Delhi Chalo March के एलान के बाद से ही Delhi और Haryana Police ने टिकरी बॉर्डर पर कंक्रीट के बड़े-बड़े बैरिकेड्स लगा दिए हैं. और क्या-क्या तैयारियां की जा रही हैं?

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टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने की बैरिकेडिंग (फोटो- आजतक)
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सुशांत मेहरा

हरियाणा (Haryana) में प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी को दिल्ली पहुंचने की तैयारी में हैं (Farmer's Protest). दिल्ली चलो मार्च (Delhi Chalo March) का एलान किया गया है. लगभग 200 किसान संघ इसमें शामिल होने वाले हैं. मार्च को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने तमाम इंतजाम कर लिए हैं. अब दिल्ली पुलिस भी एक्शन में आ गई है.

किसान मार्च को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में 11 फरवरी से धारा-144 लगा दी गई है. बॉर्डर पर सीमेंट और कंक्रीट वाले बड़े-बड़े बैरिकेड लगाने का इंतजाम किया जा रहा है. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसानों के मार्च को राजधानी में घुसने से रोकने के लिए हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने बड़े-बड़े कंक्रीट के ब्रिगेट्स और बड़े-बड़े कंटेनर सड़क के दोनों ओर लगाने शुरू कर दिए हैं.

Delhi Police के ऑर्डर में क्या है?

-दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच सभी सीमाओं और उत्तर पूर्वी जिले के अधिकार क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों में आम जनता के इकट्ठा होने पर रोक.

-उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ रहे प्रदर्शनकारियों के ट्रैक्टर, ट्रॉली, बस, ट्रक, गाड़ियां, घोड़ों आदि की एंट्री पर रोक.

-उत्तर पूर्वी जिला पुलिस से प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में आने से रोकने के लिए हर कोशिश करने को कहा गया है.

-किसी भी व्यक्ति/प्रदर्शनकारी को तलवार, त्रिशूल, भाला, लाठी, रॉड या कोई हथियार ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऐसे लोगों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया जाए.

-जो भी व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए मिला, उसे भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत हिरासत में लिया जा सकता है.

सरकार ने किसानों से क्या कहा?

बता दें, किसान संघ फसलों के लिए MSP की गारंटी के लिए कानून बनाने समेत कई मांगें कर रहे हैं. सरकार पर दबाव बनाने के लिए ही दिल्ली जाने की योजना बनाई गई है. इस बीच केंद्र सरकार ने भी किसानों को चर्चा करने के लिए आमंत्रित कर दिया है.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने देर रात संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंधेर को एक लेटर जारी किया है. इसमें दोनों को 12 फरवरी को शाम 5 बजे चंडीगढ़ के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एक बैठक के लिए इनवाइट किया गया है.

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किसानों का क्या कहना? 

मामले पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा,

एक तरफ तो सरकार हमें बातचीत का न्योता दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में हमें डराने की कोशिश की जा रही है. बॉर्डर सील किए जा रहे हैं. धारा 144 लगा दी गई है. इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इंटरनेट सेवा बंद करने का क्या सरकार के पास अधिकार है?

उन्होंने कहा कि इस तरह के माहौल में बातचीत नहीं हो सकती.

संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को अलग किया

 संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) इस प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है. ऑल इंडिया किसान सभा के वाइस प्रेसिडेंट और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेता हनन मोल्ला ने कहा,

‘ऑल इंडिया किसान सभा संयुक्त किसान मोर्चा का सबसे बड़ा दल है और हम इस प्रदर्शन में शामिल नहीं है. किसान आंदोलन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से कुछ दल अलग हो गए थे और यह प्रोटेस्ट उन्होंने बुलाया है. हर किसी को प्रदर्शन करने का अधिकार है.’

उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन किया था तो सरकार ने कृषि कानून वापस लिए थे, लेकिन तब सरकार ने वादा किया था कि एमएसपी, बिजली की दरों और कर्ज माफी पर बात करेंगे, लेकिन 2 साल से उन्होंने किसानों की बात नहीं सुनी.

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