ओडिशा आजकल दो वजहों से फेमस है. पहली वजह तो पता ही होगी, नहीं पता तो सोचने की बात है. वहां हॉकी वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है. हॉकी, जो हमारा राष्ट्रीय खेल है. दूसरी वजह है वहां के एक गांव की सड़क. जो आजादी के 71 साल बनी है. पक्की सड़क देखकर गांव के बच्चे इतने खुश हुए कि उसके सम्मान में चप्पलें उतार दीं. ये क्लेम हम नहीं, सोशल मीडिया कर रहा है. फेसबुक पर हमको लल्लनटॉप के एक दोस्त ने मैसेज किया. और इसकी सच्चाई का क्लू भी खुद दिया. फेसबुक पर थोक के भाव में ये पोस्ट वायरल हो रही है. फोटो के साथ कैप्शन चिपकाया गया है: "मेरा देश बदल रहा है आगे बढ़ रहा है. विकास का मजाक उड़ाने वालों को समर्पित पोस्ट. जिसे जो नहीं मिला उसे उसका सम्मान और वैल्यू पता है. ओडीसा के एक गांव में आजादी के 71 साल बाद जब पहली बार पक्की सड़क बनी तो इन मासूम बच्चों ने सम्मान में चप्पल भी उतार दी."

हमने फोटो देखा तो छाती चौड़ी हो गई. ओडिशा के लोग डामर रोड का इतना सम्मान करते हैं तो बाकी नेचर का कितना करते होंगे. फिर ये फोटो गूगल पर डालकर सर्च किया तो ये वेबसाइट खुलकर सामने आई. इसमें इंगलिश के अक्षरों में जो भाषा लिखी है वो बिल्कुल समझ नहीं आई. लेकिन ये पक्का हो गया कि ये उड़िया नहीं है. और ये सड़क ओडिशा में नहीं है. ये बच्चे ओडिशा के नहीं हैं. और शायद अब भी ओडिशा के उस गांव में पक्की सड़क न हो जिस पर ये फेसबुक यूजर्स बलिहारी हुए जा रहे हैं.

पड़ताल में पता चला कि ये रोड इंडोनेशिया के एक गांव की है जो सेंट्रल लैंपंग इलाके में पड़ता है. इंडोनेशिया में भी हमारे देश की तरह शहर तो काफी समृद्ध हैं लेकिन गांवों की हालत खस्ता है. शहरों में कंक्रीट के जंगल हैं तो गांवों में बिजली, पानी और पक्की सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं. वैसे ही एक गांव की ये तस्वीर है. उधर सरकार के प्रेसिडेंट जोको विडोडो का फुल फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर है. ये फोटो एक इंडोनेशियाई नागरिक मास रूफी ने ट्वीट किया था. गजब वायरल हुआ. जो कैप्शन लिखा था उसका हिंदी में मतलब था- "असली खुशी न्यायसंगत विकास है. हमारे भाई बहन आखिर महसूस कर सकते हैं कि डामर होती क्या चीज है. वो इतने एक्साइटेड हैं कि अपने चप्पल उतार दिए."
ये ट्वीट 16 हजार रिट्वीट पा चुका है. कुछ लोगों ने आलोचना भी की है कि मास रूफी प्रेसिडेंट की चमचागीरी कर रहे हैं. लेकिन ज्यादातर कमेंट्स पाजिटिव थे. बहरहाल जो असलियत है वो ये कि ये रोड ओडिशा की कतई नहीं है. आपके पास कोई ऐसी फ़ेक न्यूज आती है तो हमको lallantopmail@gmail.com पर भेजो.